Thursday, October 31, 2024
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ऑनलाइन डिलीवरी कंपनी और विक्रेता पर 55,145 रुपये का जुर्माना

बागेश्वर। जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने धोखाधड़ी के मामले में एक ऑनलाइन सामान डिलीवर करने वाली कंपनी और विक्रेता पर 55,145 रुपये का जुर्माना लगाया। आयोग ने इस राशि का भुगतान एक महीने के भीतर वादी को करने का आदेश सुनाया है। तय समय में जुर्माना अदा नहीं करने पर कंपनी और विक्रेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने मामले में डिलीवरी प्वाइंट के इंचार्ज को बरी करने का फैसला सुनाया। मामला पिछले साल अप्रैल का है। नगर के तहसील मार्ग निवासी उमेश दुबे पुत्र गोपाल प्रसाद ने अपनी बेटी के जन्मदिन के लिए अमेजन से ऑनलाइन बैलून को मंगाया। बैलून में 71 प्रतिशत की छूट मिल रही थी और छूट के बाद उसके दाम 175 रुपये थे। ऑनलाइन बैलून पहुंचने के बाद उपभोक्ता ने 175 रुपये स्थानीय डिलीवरी प्लाइंट के कर्मचारी को भुगतान किए। उन्होंने बैलून का रैपर खोलकर वास्तविक एमआरपी देखी तो उसमें 30 रुपये अंकित था जबकि ऊपर से 499 रुपये का स्टीकर लगाया गया था। वेबसाइट पर कीमत 599 बताई गई थी और 71 प्रतिशत छूट दी जा रही थी। एक बैलून के दाम में हर जगह अंतर मिलने पर दुबे ने इसकी शिकायत अमेेजन और विक्रेता से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तीन महीने बीत जाने के बाद भी समस्या नहीं सुनी गई तो दुबे ने पिछले साल 27 मई को जिला उपभोक्ता प्रकोष्ठ में शिकायत कर दी। उपभोक्ता दुबे की ओर से अधिवक्ता गोविंद भंडारी और महीप किशोर ने मामले की पैरवी की। सोमवार को प्रकोष्ठ के अध्यक्ष/जिला जज आरके खुल्बे, प्रकोष्ठ के सदस्य रमेश सनवाल और हंसी रौतेला ने पत्रावली का अवलोकन करने और अधिवक्ताओं की दलील को सुनने के बाद मामले में ऑनलाइन कंपनी अमेजन और विक्रेता पर 50 हजार का जुर्माना, पांच हजार केस लड़ने में हुए खर्च का हर्जाना और 145 रुपये बैलून का अतिरिक्त चार्ज को जोड़कर 55,145 रुपये का जुर्माना लगाया।
भूमि बेचने के नाम पर धोखाधड़ी, तहरीर सौंपी
रानीखेत (अल्मोड़ा)। तहसील के कारचूली स्थित राजस्व क्षेत्र में भूमि बेचने के नाम पर धोखाधड़ी मामले की जांच शुरू हो गई है। मामले में कोतवाली में तहरीर सौंपी गई है। गोविंदपुरा भोपाल निवासी (मध्यप्रदेश) भावना प्रियंका राउत, उनके पति अशोक राउत और शिल्पी शर्मा ने अपने मित्र के साथ मिलकर कारचूली राजस्व क्षेत्र के झलोड़ी गांव में सात नाली भूखंड 35 लाख रुपये में खरीदा था। तहरीर में कहा गया है कि जिस ग्रामीण से उन्होंने भूखंड खरीदा था वह सरकारी भूमि है। वर्ष 2022 में जब उन्होंने झलोड़ी में काॅटेज निर्माण की सोची और भूमि का सीमांकन करने का निर्णय लिया तो उन्हें धोखाधड़ी का पता चला। प्रशासन से भी इस मामले में शिकायत की गई। संयुक्त मजिस्ट्रेट ने मामले को गंभीरता से लिया। इधर पुलिस ने भोपाल निवासी खरीदारों की तहरीर पर कथित भूस्वामी और दो गवाहों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि बैनामा कराते समय कई तथ्य भी छिपाए गए थे। अब ऐसी भूमि दिखाई जा रही है जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है। कोतवाल नासिर हुसैन ने बताया कि तहरीर के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।

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