चलत मुसाफ़िर और बस्तापैक एडवेंचर के संयुक्त तत्वावधान में ‘बच्याण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बच्याण गढ़वाली बोली भाषा का शब्द है। जिसका मतलब होता है ‘बातचीत। कार्यक्रम के तहत पहला कवि सम्मेलन हुआ। कार्यक्रम मे उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों से कवि वर्चुअल जुड़े। उत्तरकाशी से दिनेश रावत, देहरादून से गीता गैरोला, रुद्रप्रयाग से बीना बेंजवाल और चमोली से ज्योत्सना जोशी कवि सम्मेलन मे शामिल रहे। सभी कवियों ने अपनी कविताओं के साथ साथ समाज को संदेश भी दिया है। गीता गैरोला ने कहा कि कविताओं को अपने तक सीमित ना रख कर पाठक तक पहुंचना बहुत ज़रूरी है। इसके साथ ही सही शब्दों का चुनाव भी बहुत ज़रूरी है। ज्योत्सना ने कविताओं मे होने वाले शो ऑफ से नाराज़गी जताई। यह कार्यक्रम चलत मुसाफ़िर और बस्तापैक एडवेंचर की मीडिया कोओर्डिनेटर काजल मेहरा ने होस्ट किया।