Thursday, November 28, 2024
Homeउत्तराखण्डउत्तराखण्ड प्राकृतिक रूप से सुरम्य व आध्यात्मिक रूप से विशिष्ट हैःधामी

उत्तराखण्ड प्राकृतिक रूप से सुरम्य व आध्यात्मिक रूप से विशिष्ट हैःधामी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारा राज्य एक ओर जहां प्राकृतिक रूप से सुरम्य है वहीं आध्यात्मिक रूप से विशिष्ट भी है।
शनिवार को यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राजस्थान के माउंट आबू स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्विघालय द्वारा आयोजित ’ग्लोबल समिट-2024’ में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने वैश्विक सम्मेलन में उपस्थित सभी विद्धवानजनों का स्वागत और अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है, जहां कण-कण में शंकर का वास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य एक ओर जहां प्राकृतिक रूप से सुरम्य है वहीं आध्यात्मिक रूप से विशिष्ट भी है। विश्व के कोने-कोने से लोग देवभूमि उत्तराखंड में आकर स्वयं की खोज करते हैं। स्वयं को साधना में लगाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग उन्हें पूछते हैं कि देवभूमि में कितने देवस्थान हैं या कितने प्रसिद्ध स्थान हैं तो मेरा एक ही उत्तर होता है कि देवभूमि में जिधर भी आपकी नजर जाएगी वो हर स्थान देवों का है। हर स्थान हमारा पर्वतों, वनों से आच्छादित है, हर स्थान हिम ग्लेशियर, नदियों से आच्छादित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी देवभूमि से आकर आप सबके बीच आकर आप सबके कार्यक्रम से जुड़ना, आप सबके बीच आने का जो सुअवसर प्राप्त हुआ यह उनके लिए सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे स्थान पर वही आ पाता है जिन पर बाबा की कृपा होगी। इसीलिए सब लोग यहां पर पहुँचे हैं। उन्होंने कहा कि आज मैं भी एक जिज्ञासु बनकर आया हूँ, मुझे अपने भीतर भी एक आत्मिक शांति का एहसास हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे कई वर्षों से प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज के कार्यक्रमों में आते रहे हैं। बहुत बार संस्थान के लोग माउंट आबू आने के लिए कहते थे। मन में आने की बहुत इच्छा भी रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम आध्यात्मिकता को अस्तित्व के एक भागीदार के रूप में देखने लगते हैं तो हमारा मन स्वतः ही स्वच्छ होने लगता है। हमे अहसास होता है कि यह हमारे जीवन की आवश्यकता नहीं है बल्कि जीवन की अनिवार्यता है। आध्यात्मिकता की वह शत्तिफ है जो शरीर को बाहरी व अंदरूनी रूप से स्वच्छ रखने के साथ साथ मानसिक और शारीरिक दबावों को सहने के सामर्थ्य प्रदान करती है। स्वच्छ और स्वस्थ समाज का निर्माण केवल आधुनिक तरीके व कानूनों से भी संभव नहीं है कि केवल हम कानून व अन्य तरह से इसको कर पाएं बल्कि इस लक्ष्य को जीवन मे आध्यात्मिक मूल्यों को शामिल करके ही हासिल किया जा सकता है। इस अवसर पर भारत सरकार के रेल एवं फूड प्रोसेसिंग मंत्री रवनीत सिंह बिटृू, उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद महेंद्र भटृ, गोरखपुर के सांसद रवि किशन आदि उपस्थित रहे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments