बागेश्वर। जिले के सबसे दूरस्थ मतदान केंद्र बोरबलड़ा में तैनात कार्मिकों की टीम शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराकर अंतिम मतदान पार्टी के रूप में चौथे दिन डिग्री कॉलेज पहुंची। मतदान कार्मिकों का स्वीप की टीम ने भव्य स्वागत किया। जिले के अंतिम गांव के इस बूथ पर जाने के लिए मतदान कार्मिकों ने बदियाकोट से 15 किलोमीटर की दूरी तय की। बोरबलड़ा के लिए मतदान पार्टी 12 फरवरी को रवाना हो गई थी और 15 फरवरी को सबसे अंत में जिला मुख्यालय लौटी। बोरबलड़ा बूथ पर मतदान ड्यूटी में तैनात कार्मिकों में सेक्टर मजिस्ट्रेट विजय मेलकानी, पीठासीन मोहित कौशल, प्रथम मतदान अधिकारी अखिलेश सेमवाल, द्वितीय मतदान अधिकारी नारायण दत्त जोशी, तृतीय मतदान अधिकारी संजय कुमार, सुरक्षा कर्मियों में पीआरडी जवान हरीश राम, विनोद राम शामिल थे। 12 फरवरी को 11 बजे रवाना हुई पार्टी बूथ पर रात करीब साढ़े दस बजे पहुंची। हालांकि पोलिंग पार्टी ने तय समय पर मतदान शुरू करवाया और मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। 15 फरवरी को टीम सुबह सात बजे बागेश्वर को रवाना हो गई। शाम होने पर टीम बागेश्वर डिग्री कॉलेज पहुंची। सामान्य प्रेक्षक कृष्णकांत पाठक, स्वीप के सहायक नोडल अधिकारी आलोक पांडेय, कैलाश प्रकाश चंदोला, डॉ. हरीश दफौटी सहित अन्य अधिकारियों ने मतदान पार्टी के सदस्यों का फूल माला पहनाकर स्वागत किया।
बर्फबारी के बीच हुआ मतदान
बागेश्वर। बोरबलड़ा गई पोलिंग पार्टी के सदस्यों ने बताया कि दूरस्थ गांव में रास्तों पर बर्फ जमा थी। इस कारण पैदल चलने में काफी दिक्कत आई। मतदान के दौरान भी हल्की बर्फबारी हो रही थी। वापसी के दिन भी दोपहर बाद बर्फबारी होने लगी। हालांकि लोकतंत्र के इस महापर्व में सभी कर्मचारियों ने पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्य का निर्वहन किया।
पलायन का मत प्रतिशत पर पड़ा असर
बागेश्वर। बोरबलड़ा गांव बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा है। गांव तक मोटर मार्ग नहीं बना है। शिक्षा, स्वास्थ्य और संचार सुविधाओं का अभाव है। मूलभूत सुविधाओं की तलाश में गांव से पलायन बढ़ रहा है। इसका असर मत प्रतिशत पर भी दिखा। बोरबलड़ा बूथ का मत प्रतिशत 56.04 प्रतिशत रहा। बूथ में पंजीकृत 273 के सापेक्ष 153 मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
चौथे दिन लौटी बोरबलड़ा की टीम, हुआ जोरदार स्वागत
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