नैनीताल: विधायक उमेश-चैंपियन विवाद का स्वतः संज्ञान लेने के बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने बेहद सख्त रवैया अपनाया है। विधायक उमेश के बाबत तथ्य छुपाने पर मामले की सीबीआई जांच की बात भी कही। विधायक के विदेश जाने पर भी कोर्ट ने आश्चर्य जताया।
उधर, हाईकोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए हरिद्वार पुलिस ने एसएसपी प्रेमेंद्र डोभाल को धमकी देने के मामले में विधायक उमेश कुमार पर दो सप्ताह बाद मुकदमा दर्ज किया है। दो सप्ताह बाद दर्ज मुकदमे को लेकर भी चर्चाएं आम है। जबकि धमकी देने के मुद्दे पर स्थानीय वकील ने हरिद्वार पुलिस को तुरंत तहरीर दे दी थी।
इधर, कई अपराध में शामिल उमेश कुमार को मिली वाई कैटेगरी पर भी न्यायाधीश राकेश थपलियाल ने राज्य सरकार से जवाब मांगा।
बुधवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के जज राकेश थपलियाल ने मामले से जुड़े लोक अभियोजक समेत सिस्टम को कठघरे में खड़ा किया। कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी ने निचली अदालत में सही तथ्य पेश नहीं किये। घटना के बाद विधायक के विदेश जाने पर भी कोर्ट ने प्रक्रिया पर सवाल उठाए ।
हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के वकील अरविंद कुमार शुक्ला ने बताया कि हाईकोर्ट ने उमेश के आपराधिक इतिहास, सुरक्षा, सस्ते किराये में सरकारी आवास देने और आपराधिक वारदात के बाद विदेश जाने पर सिस्टम को आड़े हाथ लिया।
हाईकोर्ट के जज थपलियाल ने कहा कि लगभग एक जैसे अपराध में एक को जेल हुई है और विधायक को बेल मिली। उन्होंने लोक अभि योजक की जांच रिपोर्ट की समीक्षा की भी बात कही।सुनवाई के दौरान जज राकेश थपलियाल ने उमेश कुमार पर लगे मुकदमो की संख्या कम होने पर भी हैरानी जताई। कोर्ट ने कहा कि यह जांच का विषय है।
उमेश कुमार को सत्ता के उच्चतम शिखर पर विराजमान लोगों की तरह वाई कैटेगरी सुरक्षा पर भी राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
अधिवक्ता ने बताया कि सुरक्षा प्रदान करने वाली राज्य सरकार की कमेटी ने उमेश कुमार की सुरक्षा सुविधा देने पर प्रतिकूल टिप्पणी की थी। इसके बाद भी उमेश कुमार को भारी भरकम सुरक्षा दी गयी।
हाईकोर्ट ने कहा कि सामान्य विधायक की तरह सुरक्षा मिलनी चाहिए। इन पर कोई आतंकवादी हमले का डर नहीं है। अधिवक्ता ने कहा कि ऐसे में सरकारी सुरक्षा का भय दिखा कर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने का ज्यादा अंदेशा है।
हाईकोर्ट ने कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों से, दबंग माननीयों को सरकार द्वारा सुरक्षा प्रदान करना शर्मनाक है।
अधिवक्ता अरविंद शुक्ला ने कहा कि कोर्ट ने यह भी जवाब मांगा कि रुड़की सिंचाई विभाग के बड़े बंगले विवादित विधायकों को कैसे और क्यों हुए आवंटित?
हाई कोर्ट ने कहा कि 75 हजार से -1 लाख प्रति माह के किराए वाले गंग नहर बंगले को महज 1600 रुपए प्रति माह में विधायक उमेश को किसने आवंटित किया?
इस मुद्दे पर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। हाईकोर्ट में अन्य राज्यों में उमेश कुमार से जुड़े मुकदमो की फ़ाइल भी तलब की है।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकारी सिस्टम की कमियों को भी बखूबी उधेड़ा। कोर्ट ने इस मुद्दे पर सुनवाई जारी रखी है। सिस्टम की कमियों को ढाल बनाने वाले निर्दलीय उमेश कुमार से जुड़े मुकदमो व सिस्टम की ‘दरियादिली’ पर हाईकोर्ट की भृकुटि तनने से उमेश-चैंपियन विवाद में नया मोड़ आ गया।
–विधायक उमेश कुमार पर मुकदमा दर्ज
हाईकोर्ट के चाबुक के बाद हरकत में आई हरिद्वार पुलिस ने सोशल मीडिया पर धमकी देने निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
सिविल लाइंस कोतवाली के उपनिरीक्षक पुष्कर सिंह चौहान की ओर से दी गई तहरीर में बताया गया कि 29 जनवरी को विधायक उमेश ने फेसबुक पर एक लाइव वीडियो पोस्ट कर एसएसपी को धमकी दी थी। एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल ने बताया कि तहरीर के आधार पर लोक सेवक को धमकी देने के मामले केस दर्ज कर लिया है। साथ ही मामले की जांच की जा रही है।
बहरहाल, विधायक उमेश कुमार को ‘ढील’ देने पर हाईकोर्ट के जज राकेश थपलियाल ने पुलिस जांच समेत अन्य प्रक्रिया को कठघरे में खड़ा किया है।