बीसीसीआई ने विराट और रोहित को दिया सख्त संदेश, घरेलू क्रिकेट खेलना अब जरूरी
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया के दो वरिष्ठ खिलाड़ियों विराट कोहली और रोहित शर्मा को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि अगर वे वनडे टीम का हिस्सा बने रहना चाहते हैं, तो उन्हें घरेलू वनडे टूर्नामेंटों में हिस्सा लेना होगा।
दोनों खिलाड़ी अब केवल वनडे प्रारूप में सक्रिय हैं, क्योंकि वे टेस्ट और टी20 क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। ऐसे में बोर्ड और टीम प्रबंधन चाहते हैं कि वे घरेलू क्रिकेट के जरिए अपनी फिटनेस और फॉर्म बनाए रखें।
विजय हजारे ट्रॉफी बनेगी परीक्षा की कसौटी
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस दिशा में पहला बड़ा कदम विजय हजारे ट्रॉफी को माना जा रहा है, जिसका मुकाबला 24 दिसंबर को खेला जाएगा। यह मैच दक्षिण अफ्रीका वनडे सीरीज (3 से 9 दिसंबर) और न्यूजीलैंड सीरीज (11 जनवरी से शुरू) के बीच खेला जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, रोहित शर्मा ने मुंबई क्रिकेट संघ (MCA) को सूचित कर दिया है कि वह विजय हजारे ट्रॉफी के लिए उपलब्ध रहेंगे। हालांकि, विराट कोहली की उपलब्धता पर अभी स्पष्टता नहीं है।
बीसीसीआई अधिकारी बोले — ‘खेलना है तो घरेलू क्रिकेट खेलो’
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
“बोर्ड और टीम प्रबंधन ने दोनों खिलाड़ियों को साफ बता दिया है कि अगर उन्हें भारत के लिए खेलना है, तो घरेलू क्रिकेट खेलना जरूरी है। चूंकि दोनों ने दो प्रारूपों से संन्यास लिया है, इसलिए फिटनेस और लय बनाए रखने के लिए घरेलू क्रिकेट सबसे अच्छा माध्यम है।”
पिछले महीने ही चयन समिति प्रमुख अजीत अगरकर ने भी खिलाड़ियों को घरेलू टूर्नामेंटों में हिस्सा लेने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था,
“जब भी खिलाड़ी उपलब्ध हों, उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए। यही तरीका है खुद को तैयार रखने का, खासकर जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लंबा ब्रेक हो।”
रोहित की तैयारी जारी, कोहली लंदन में
रोहित शर्मा ने संकेत दिए हैं कि वह 26 नवंबर से शुरू होने वाले सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट में भी हिस्सा ले सकते हैं। वह इन दिनों मुंबई के शरद पवार इंडोर अकादमी में अभ्यास कर रहे हैं।
वहीं, विराट कोहली फिलहाल लंदन में हैं। बोर्ड को उम्मीद है कि वे भी जल्द घरेलू क्रिकेट सर्किट में वापसी करेंगे।
दोनों दिग्गज खिलाड़ियों ने पिछले सीजन में एक-एक रणजी ट्रॉफी मैच खेला था।
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जनवरी में कोहली ने 12 साल बाद दिल्ली के लिए मैदान संभाला,
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जबकि रोहित ने 10 साल बाद मुंबई के लिए मैच खेला था।
रोहित ने तब कहा था,
“2019 के बाद से जब से मैंने टेस्ट क्रिकेट नियमित रूप से खेलना शुरू किया, घरेलू क्रिकेट के लिए समय बहुत कम मिला। लेकिन अब हम इसे गंभीरता से ले रहे हैं।”
2027 विश्व कप को लेकर रणनीतिक तैयारी
चयन समिति प्रमुख अजीत अगरकर ने यह भी स्पष्ट किया कि कोहली और रोहित किसी ट्रायल पर नहीं हैं। उन्होंने कहा,
“दोनों खिलाड़ियों ने भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत कुछ हासिल किया है — चाहे वह ट्रॉफी हो या रन। 2027 विश्व कप तक बहुत समय है, और अगर वे वनडे में सक्रिय हैं और बीच-बीच में घरेलू मैच खेलते हैं, तो हम उनके प्रदर्शन पर नजर रखेंगे।”
अगरकर ने कहा कि आने वाले समय में कई नए चेहरे भी टीम में जगह बना सकते हैं, इसलिए चयन प्रक्रिया पूरी तरह से प्रदर्शन पर निर्भर करेगी।
अनुभव और प्रदर्शन के बीच संतुलन की कोशिश
बीसीसीआई का यह कदम इस बात का संकेत है कि अब बोर्ड अनुभव और प्रदर्शन दोनों को बराबर महत्व देना चाहता है।
घरेलू क्रिकेट में उतरने से जहां वरिष्ठ खिलाड़ियों की फिटनेस और तकनीक की परीक्षा होगी, वहीं यह युवा खिलाड़ियों के लिए भी संदेश होगा कि —
“टीम इंडिया में जगह नाम से नहीं, प्रदर्शन से तय होगी।”
विराट कोहली और रोहित शर्मा के लिए यह घरेलू सीजन सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि उनके करियर के अगले चरण की दिशा तय करने वाला अहम मोड़ साबित हो सकता है।