Friday, November 14, 2025
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बिहार चुनाव परिणाम: अखिलेश यादव ने 25 सीटों पर किया था प्रचार, सिर्फ 4 पर मिली जीत — पूरा गणित सामने आया

बिहार चुनाव परिणाम: अखिलेश यादव का 25 सीटों पर प्रचार, सिर्फ 4 जगह मिली सफलता — जानिए पूरे आंकड़े

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं मिला। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को जहां कुल 25 सीटों पर जीत मिली, वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव का चुनाव प्रचार भी विशेष चर्चा में रहा। अखिलेश ने बिहार में 25 विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाएं कीं, लेकिन इनमें से केवल 4 सीटें ही महागठबंधन के पक्ष में गईं। इस आधार पर उनका स्ट्राइक रेट 16 प्रतिशत दर्ज किया गया।

25 में से 4 सीटें ही कॉमन, यहीं मिला जीत का परिणाम

राजद की जीती हुई 25 सीटों और अखिलेश द्वारा प्रचारित 25 सीटों में केवल चार सीटें एक जैसी रहीं।
ये सीटें हैं— रघुनाथपुर, बोधगया, रफीगंज और बिसफी।

इन चारों सीटों पर राजद प्रत्याशी विजयी हुए। इसका मतलब है कि जिन क्षेत्रों में अखिलेश ने प्रचार किया, वहां उनका जीत में योगदान सीमित रहा।

हार के लिए ‘एसआईआर’ को जिम्मेदार ठहराया

चुनाव परिणामों के बाद अखिलेश यादव ने हार का कारण एसआईआर (SIR) को बताया। उनका आरोप है कि बिहार में जिस तरह “एसआईआर का खेल” हुआ, वही रणनीति अन्य राज्यों में भी दोहराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि चुनावी साजिश उजागर हो चुकी है और अब भाजपा इस तरीके का खेल आगे नहीं खेल पाएगी।

‘PPTV मॉडल’ का जिक्र, भाजपा पर तीखा वार

अखिलेश यादव ने कहा—

“सीसीटीवी की तरह हमारा पीपीटीवी यानी पीडीए प्रहरी भाजपा की हर चाल पर नजर रखेगा। भाजपा दल नहीं, छल है। वह हर स्तर पर बेईमानी करती है और सत्ता पर कब्जा बनाए रखना चाहती है।”

सपा अध्यक्ष ने दावा किया कि चुनावी बेईमानी और जनादेश को प्रभावित करने की कोशिशें अब आने वाले चुनावों में विफल होंगी।


अखिलेश यादव का बिहार दौरा: कब कहां की जनसभाएं?

1 नवंबर

  • बहादुरपुर (दरभंगा)

2 नवंबर

  • सरायरंजन (समस्तीपुर)

  • सीतामढ़ी

  • छपरा (सारण)

3 नवंबर

  • कल्यानपुर (पूर्वी चंपारण)

  • रघुनाथपुर (सीवान)

  • महराजगंज (सीवान)

  • भभुआ (कैमूर)

4 नवंबर

  • दिनारा (रोहतास)

  • गोह (औरंगाबाद)

  • बेलागंज (गया)

  • बोधगया (गया)

5 नवंबर

  • नवादा

  • जमुई

  • बेलहर (बांका)

  • नाथनगर (भागलपुर)

6 नवंबर

  • मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)

  • रुन्नीसैदपुर (सीतामढ़ी)

7 नवंबर

  • नोखा (रोहतास)

  • रफीगंज (औरंगाबाद)

8 नवंबर

  • धमदहा (पूर्णिया)

  • फुलपरास

  • झंझारपुर

  • राजनगर

  • बिसफी (मधुबनी)

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