पहले सस्ता मिलता था डीजल: रोडवेज को पहले सामान्य पेट्रोल पंपों के मुकाबले दो से तीन रुपये सस्ता डीजल मिलता था। दरअसल, तेल कंपनियां प्रति लीटर डीजल के लिए डीलर को ढाई से तीन रुपये कमीशन देती हैं। अपने पंप होने के कारण रोडवेज को यह कमीशन नहीं देना पड़ता था।
रोज 80 हजार लीटर डीजल की खपत
रोडवेज में रोजाना डीजल खपत 80 हजार लीटर की है। 5.87 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से रोडवेज को रोजाना 4.69 लाख रुपये का चूना लग रहा है।
तेल कंपनियों के नए नियम से रोडवेज को नुकसान हो रहा है। सामान्य पेट्रोल पंपों से डीजल खरीदने की कार्रवाई जल्द शुरू कर दी जाएगी। दीपक जैन, जीएम-संचालन-रोडवेज
500 करोड़ रुपये के घाटे से जूझ रहे रोडवेज को डीजल खरीद में रोजाना 4.69 लाख रुपये की चपत लग रही है। केंद्र सरकार के नया नियम लागू कर देने से यह नुकसान हो रहा हे। रोडवेज को अब सामान्य पेट्रोल पंपों के मुकाबले एक लीटर डीजल पर 5.87 रुपये ज्यादा चुकाने पड़ रहे हैं। रोडवेज के जीएम संचालन दीपक जैन ने बताया कि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने लाभ कमाने वाली सरकारी, अर्द्धसरकारी संस्थाओं के लिए डीजल के अधिक दाम तय किए हैं। इस कारण 16 फरवरी से रोडवेज को बाजार के मुकाबले प्रति लीटर 5.87 रुपये महंगा तेल खरीदना पड़ा है। रोडवेज बसों में हर महीने बीस लाख साठ हजार लीटर डीजल की खपत होती है।