Uttarakhand: एसएससी परीक्षा में बड़ा खुलासा… ब्लूटूथ नकलकांड में डिजिटल जोन मालिक पर भी गिरी जांच की आंच
देहरादून में कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की कंबाइंड हायर सेकेंडरी लेवल (CHSL) परीक्षा के दौरान एक बार फिर नकल का मामला सामने आया है। मंगलवार को आयोजित परीक्षा में हरियाणा के रोहतक जिले के रहने वाले अभ्यर्थी दीपक को ब्लूटूथ डिवाइस के साथ पकड़ा गया। पुलिस ने मौके पर ही उसे गिरफ्तार कर लिया और अब पूरे मामले की जांच तेज कर दी है।
डिजिटल जोन मालिक पर भी शक बढ़ा
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि दीपक को ब्लूटूथ उपलब्ध कराने वाला लकी नाम का अस्थायी कर्मचारी महादेव डिजिटल जोन के मालिक द्वारा ही खास तौर पर एसएससी परीक्षा के लिए नियुक्त किया गया था। इससे सेंटर प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
पुलिस यह जांच कर रही है—
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लकी को किसने और क्यों नियुक्त किया?
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क्या उसकी नियुक्ति नकल कराने की बड़ी साजिश का हिस्सा थी?
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दीपक ने उससे संपर्क किसके जरिए किया?
लकी फिलहाल फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगाई गई है।
परीक्षा की विश्वसनीयता पर उठे सवाल
अधिकारियों का कहना है कि यदि लकी के पीछे कोई गहरी साजिश या संगठित गिरोह का हाथ निकलता है, तो पूरी परीक्षा प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ सकती है। हालांकि एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि अभी तक परीक्षा की निष्पक्षता पर कोई सीधा खतरा नहीं दिखा है। मामला एक अभ्यर्थी से जुड़ा है, लेकिन दो आरोपी अब भी फरार हैं।
दीपक को भेजा गया जेल
गिरफ्तार अभियुक्त दीपक को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। पूछताछ में उसने बताया कि ब्लूटूथ के जरिये उसका परिचित जैश उसे उत्तर बताने वाला था। वह भी फरार है।
यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण के बाद परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा को लेकर सरकार और एजेंसियों ने कई दावे किए थे, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर उन व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है।
आउटसोर्स कंपनी के तहत चल रहा था डिजिटल जोन
महादेव डिजिटल जोन को प्रतियोगी परीक्षाओं के संचालन के लिए आउटसोर्स के माध्यम से शुभम भटनागर ने किराये पर लिया था। स्थानीय प्रबंधक भगवान ने बताया कि मंगलवार को परीक्षा सुबह 10 से 11 बजे तक आयोजित थी और परीक्षार्थियों को 8:30 बजे से प्रवेश दिया गया था।
पहली तलाशी के दौरान दीपक के पास कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं मिला था, लेकिन वॉशरूम जाने के बाद जब उसे दोबारा चेक किया गया तो उसके पास ब्लूटूथ डिवाइस मिली। दीपक ने खुलासा किया कि यह डिवाइस उसे केंद्र के अस्थायी कर्मचारी लकी ने दी थी।
पुलिस ने मामले में सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।