देहरादून: सुरेंद्र कुकरेती को मिला उत्तराखंड क्रांति दल का केंद्रीय नेतृत्व
देहरादून के कुआंवाला में आयोजित उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के एक दिवसीय विशेष अधिवेशन में संगठन ने अपना नया केंद्रीय नेतृत्व चुन लिया। दल ने सर्वसम्मति से वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुरेंद्र कुकरेती को केंद्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी। अधिवेशन के दौरान राज्यहित से जुड़े कुल 25 प्रस्ताव भी पारित किए गए।
कैसे हुआ अध्यक्ष का चयन
अधिवेशन में निवर्तमान केंद्रीय अध्यक्ष पूरन सिंह कठैत ने कुकरेती के नाम का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव का समर्थन शक्ति शैल कपरवान ने किया। इसके बाद पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने औपचारिक घोषणा करते हुए कुकरेती को उत्तराखंड क्रांति दल का नया केंद्रीय अध्यक्ष घोषित किया।
काशी सिंह ऐरी ने कहा कि “राज्य आंदोलन के मजबूत स्तंभ रहे सुरेंद्र कुकरेती निश्चित रूप से दल को नई दिशा देंगे और आंदोलनकारियों के सपनों को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”
नवनिर्वाचित अध्यक्ष का संकल्प
अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए सुरेंद्र कुकरेती ने कहा कि दल ने जो भरोसा जताया है, उस पर वह पूरी निष्ठा के साथ खरे उतरेंगे और संगठन को मजबूत बनाने का हर संभव प्रयास करेंगे।
वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी
अधिवेशन में संरक्षक नारायण सिंह, पुष्पेंद्र त्रिपाठी, खड़क सिंह बगड़वाल, विजय ध्यानी, जयप्रकाश उपाध्यक्ष, शांति प्रसाद, पंकज व्यास, राजेंद्र बिष्ट, रेखा मियां, प्रमिला रावत, शकुंतला रावत, राजेश्वरी रावत, गणेश कला, मनोज कंडवाल सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन किरण रावत ने किया।
अधिवेशन में पारित हुए प्रमुख प्रस्ताव
विशेष अधिवेशन में प्रदेश से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और निम्न प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए—
-
प्रदेश में सशक्त भू-कानून लागू किया जाए।
-
प्रदेश में मूल निवास 1950 लागू हो।
-
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर और सुलभ बनाया जाए।
-
महिला सशक्तीकरण और बाल विकास से जुड़ी योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए।
-
आवासीय उपयोग के लिए 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का प्रावधान किया जाए।
-
गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का प्रस्ताव भी शामिल रहा।