हरिद्वार में भारतीय सेना का ‘रैम प्रहार’ सैन्य अभ्यास सफलतापूर्वक पूरा, संयुक्त युद्ध तैयारियों का किया गया व्यापक मूल्यांकन
हरिद्वार। भारतीय सेना की खड़ग कोर के तहत कार्यरत रैम डिविजन द्वारा संचालित महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास ‘रैम प्रहार’ शनिवार को हरिद्वार के श्यामपुर क्षेत्र में सफलतापूर्वक समाप्त हो गया। करीब चार सप्ताह तक चले इस अभ्यास ने सेना की आधुनिक और त्वरित ऑपरेशनल क्षमता का विस्तृत परीक्षण किया।
अभ्यास के अंतिम चरण का निरीक्षण लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, जीओसी-इन-सी, पश्चिमी कमांड ने स्वयं मौके पर पहुंचकर किया और पूरे अभियान का औपचारिक मूल्यांकन किया।
तकनीक-सक्षम और बहु-क्षेत्रीय युद्धक क्षमता की परख
सैन्य अभ्यास ‘रैम प्रहार’ को भारतीय सेना की एकीकृत, तकनीक-सक्षम और त्वरित प्रतिक्रिया देने वाली क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने बताया कि यह अभ्यास भूमि, वायु और साइबर तीनों क्षेत्रों को शामिल करने वाला एक मल्टी-डोमेन संयुक्त युद्धाभ्यास था, जिसने सेना की निर्णय क्षमता और प्रतिक्रिया तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाया है।
ऑपरेशनल मोबिलिटी और रणनीतिक तैयारी पर जोर
अभ्यास के दौरान रैम डिविजन ने कठिन भू-भाग, वास्तविक स्थिति जैसे परिदृश्य और आधुनिक युद्ध तकनीकों के जरिये अपनी ऑपरेशनल मोबिलिटी का प्रदर्शन किया।
अभ्यास ने निम्न क्षमताओं को अधिक मजबूती प्रदान की—
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विभिन्न बलों के बीच तेज समन्वय
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वास्तविक समय आधारित निर्णय-प्रक्रिया
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आधुनिक हथियारों और तकनीक का सटीक उपयोग
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मल्टी-डोमेन वॉरफेयर के लिए आवश्यक समेकित तैयारी
संवेदनशील सुरक्षा वातावरण में सेना का सशक्त संदेश
वर्तमान क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए यह अभ्यास भारतीय सेना की रणनीतिक शक्ति और तत्परता का मजबूत संकेत माना जा रहा है।
लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने कहा कि ‘रैम प्रहार’ यह दर्शाता है कि भारतीय सेना किसी भी स्थिति में तेजी से कार्रवाई, तकनीकी श्रेष्ठता, और दीर्घकालिक अभियान क्षमता के साथ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
गंगा तट के निकट आयोजित यह लंबे स्वरूप का सैन्य अभ्यास सेना की सामरिक क्षमता, युद्ध तत्परता और उच्च स्तर की तालमेल को नई ऊंचाई प्रदान करता है।