Market High: 86,000 के पार सेंसेक्स, 26,300 के नए शिखर पर निफ्टी—12 साल में 400% चढ़ा भारतीय शेयर बाजार
भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को इतिहास रचते हुए अपनी अब तक की सबसे बड़ी छलांग लगाई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती, वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक संकेत और विदेशी निवेशकों की भारी खरीदारी ने सेंसेक्स और निफ्टी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। 2013 से अब तक की यात्रा पर नजर डालें तो भारतीय बाजार ने निवेशकों को असाधारण रिटर्न दिए हैं और 12 वर्षों में 400% से अधिक चढ़ाव दर्ज किया है।
सेंसेक्स 86,000 के पार—बाजार ने बनाया नया रिकॉर्ड
गुरुवार के शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 416.67 अंक की तेज बढ़त के साथ 86,026.18 पर पहुंच गया। यह सेंसेक्स का अब तक का सर्वाधिक स्तर है। इससे पहले 27 सितंबर 2024 को यह 85,978.25 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था।
यह उछाल बाजार में बुलिश ट्रेंड की मजबूती को दर्शाता है और बताता है कि भारतीय इकॉनमी में निवेशकों का भरोसा लगातार गहरा हो रहा है।
निफ्टी ने भी रचा नया इतिहास, 26,306 के पार
एनएसई निफ्टी भी 101.65 अंक की तेजी के साथ 26,306.95 के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया। इससे पहले निफ्टी ने 26,277 के स्तर को पार किया था।
लंबी अवधि के निवेशकों के लिए निफ्टी पिछले एक दशक में सोने की खान साबित हुआ है—12 वर्षों में यह 400% से अधिक उछला है।
निफ्टी के 50 शेयरों का कुल मार्केट कैप अब 472 लाख करोड़ रुपए को पार कर चुका है।
1979 से हर दशक में चार गुना बढ़ा सेंसेक्स
शेयर बाजार की दीर्घकालिक मजबूती को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि 1979 में इसकी शुरुआत के बाद से सेंसेक्स हर दशक में लगभग चार गुना बढ़ा है।
विशेषज्ञों के अनुसार भारत की मजबूत आर्थिक नीति, घरेलू मांग में निरंतर वृद्धि और सुधार-आधारित अर्थव्यवस्था इस वृद्धि के मुख्य कारक हैं।
एफआईआई और डीआईआई ने भरी झोली—भारी खरीदारी से दौड़ा बाजार
विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने बाजार को नई रफ्तार दी।
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एफआईआई ने बुधवार को 4,778.03 करोड़ रुपए की खरीदारी की।
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डीआईआई ने भी जोरदार निवेश करते हुए 6,247.93 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
बुधवार को ही सेंसेक्स 1,022.50 अंक चढ़कर 85,609.51 पर और निफ्टी 320.50 अंक उछलकर 26,205.30 पर बंद हुआ था।
2030 तक निफ्टी 50,000 के लक्ष्य की ओर?
बीते एक दशक में निफ्टी के प्रदर्शन को देखते हुए बाजार विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि आने वाले वर्षों में यह तेजी बरकरार रह सकती है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि मजबूत अर्थव्यवस्था और बढ़ते निवेश के चलते निफ्टी 2030 तक 50,000 का स्तर छू सकता है।
वैश्विक संकेत मजबूत—तेल की कीमतों में नरमी का भी फायदा
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार के अनुसार फेड की दर कटौती की उम्मीद, रूस-यूक्रेन संघर्ष में संभावित नरमी और वैश्विक बाजार में सकारात्मक माहौल ने भारतीय सूचकांकों को मजबूती दी है।
इस बीच, ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.57% गिरकर 62.77 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई—जो भारतीय बाजारों के लिए एक बड़ा राहत संकेत है।
वैश्विक एजेंसियों ने भारत पर जताया भरोसा—निफ्टी को लेकर उम्मीदें और बढ़ीं
दुनिया की बड़ी वित्तीय संस्थाएं भी भारतीय बाजार को लेकर बेहद आशावादी हैं।
जेपी मॉर्गन का अनुमान
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निफ्टी 50 का 2026 के अंत तक लक्ष्य 20,000 से बढ़ाकर 30,000 किया
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MSCI इंडिया की आय में 2026 में 13% और 2027 में 14% वृद्धि का अनुमान
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अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों में सुधार से बड़ा पुनर्मूल्यांकन संभव
मैक्वेरी की राय
मैक्वेरी ने कहा कि—
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“जोखिम का संतुलन अब निवेशकों के अनुकूल है।”
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निफ्टी 2026 के अंत तक 30,000 के स्तर के करीब पहुंच सकता है।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है। विदेशी निवेश, मजबूत आर्थिक संकेतक, वैश्विक सकारात्मक रुझान और घरेलू मांग की वजह से सेंसेक्स और निफ्टी दोनों अपनी ऐतिहासिक ऊंचाइयों पर पहुंच चुके हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले सालों में भी यह तेजी जारी रहने की पूरी संभावना है, और भारतीय बाजार ग्लोबल स्तर पर बड़ी ताकत बनकर उभर सकता है।