नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोरी और घरेलू बाजार में डिमांड घटने के चलते गुरुवार को सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। वहीं चांदी में लगातार तीसरे दिन तेज बढ़त जारी रही है, जिससे बाजार में हलचल देखने को मिली।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, गुरुवार को सोना 640 रुपये टूटकर 1,29,460 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया।
इसी तरह 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 640 रुपये गिरकर 1,28,860 रुपये प्रति 10 ग्राम (टैक्स सहित) पर पहुंच गया।
सोना क्यों टूटा? विश्लेषक क्या कहते हैं
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने बताया कि सोने में गिरावट सीमित दायरे में ट्रेडिंग और मुनाफावसूली के कारण हुई।
गांधी के अनुसार:
“रूस-यूक्रेन के संभावित शांति समझौते से भू-राजनीतिक तनाव में कमी आई है, जिसके कारण निवेशकों ने सोने में बुकिंग की और कीमतों में गिरावट आई।”
अमेरिका में थैंक्सगिविंग की छुट्टी के चलते बाजार बंद रहे, जिससे ट्रेडिंग वॉल्यूम कम हुआ और सोने पर अतिरिक्त दबाव बना रहा।
चांदी में रिकॉर्ड तेजी
सोने की गिरावट के उलट, चांदी लगातार तीसरे सत्र में उछाल पर रही।
सर्राफा संघ के अनुसार चांदी 5,100 रुपये महंगी होकर 1,68,200 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर पहुंच गई।
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पिछले तीन दिनों में चांदी 13,200 रुपये तक बढ़ चुकी है।
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सोमवार को कीमत 1,55,000 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
कमोडिटी का वैश्विक रुख
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना हाजिर 5.60 डॉलर (0.13%) लुढ़ककर 4,158.38 डॉलर प्रति औंस पर आ गया।
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विदेशी बाजार में चांदी 53.39 डॉलर प्रति औंस पर हल्की बढ़त के साथ कारोबार कर रही थी।
चांदी की उड़ान के पीछे चीन की बड़ी भूमिका
गांधी ने बताया कि चांदी में तेजी की मुख्य वजह चीन में चांदी के भंडार का एक दशक के निचले स्तर पर आ जाना है।
“चीन में स्टॉक की भारी कमी के कारण हाल ही में बड़ी मात्रा में चांदी लंदन भेजी गई, जिससे वैश्विक बाजार में कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई की ओर बढ़ गईं। शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज से जुड़े गोदामों में स्टॉक 2015 के बाद सबसे कम हैं।”
कम आपूर्ति और वैश्विक मांग बढ़ने से चांदी में तेजी का रुख कायम है।