UKSSSC पेपर लीक मामला: सुमन की गिरफ्तारी के बाद बॉबी पंवार से नौ घंटे तक पूछताछ
UKSSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक कांड में सीबीआई ने जांच की रफ्तार और तेज कर दी है। असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन चौहान की गिरफ्तारी के बाद, अब जांच एजेंसी ने बॉबी पंवार को तलब कर उनसे करीब नौ घंटे तक पूछताछ की।
सुबह बुलाया, रात को बाहर निकले पंवार
सीबीआई ने बॉबी पंवार को सोमवार सुबह 11:30 बजे बसंत विहार कार्यालय में पेश होने को कहा था। यहां उनसे पेपर लीक की पूरी चेन, संपर्कों, डिजिटल डेटा और पेपर फॉरवर्डिंग से जुड़े कई सवाल पूछे गए।
पूछताछ का सिलसिला देर रात करीब 8:30 बजे समाप्त हुआ, जिसके बाद पंवार को जाने की अनुमति दी गई।
पेपर सुमन ने ही भेजा था बॉबी पंवार को
सीबीआई की जांच में सामने आया है कि सहायक प्रोफेसर सुमन चौहान ने ही वायरल हुआ प्रश्नपत्र बॉबी पंवार को भेजा था।
सीबीआई ने सुमन को 28 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें स्पेशल जज सीबीआई की अदालत में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पूरा मामला: कैसे लीक हुआ UKSSSC का प्रश्नपत्र?
21 सितंबर: परीक्षा और लीक की शुरुआत
UKSSSC ने 21 सितंबर को स्नातक स्तरीय परीक्षा कराई थी। परीक्षा के बीच ही प्रश्नपत्र का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा।
बेरोजगार संघ ने इसे पेपर लीक बताते हुए विरोध शुरू कर दिया।
जांच में खुलासा—हरिद्वार के सेंटर से निकला पेपर
पुलिस जांच में पता चला कि पेपर हरिद्वार के बहादरपुर जट स्थित परीक्षा केंद्र से बाहर आया था।
मोबाइल में छिपाकर भेजा गया पेपर
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परीक्षार्थी खालिद मोबाइल फोन को पहले ही परीक्षा केंद्र में छिपाकर ले गया था।
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उसने प्रश्नपत्र का स्क्रीनशॉट अपनी बहन साबिया को भेजा।
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साबिया ने स्क्रीनशॉट असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन चौहान को फॉरवर्ड किया।
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इसके बाद सुमन ने पेपर बॉबी पंवार को भेज दिया।
सुमन को पहले अनजाने में शामिल बताया गया था
पहले पुलिस ने कहा था कि सुमन को यह नहीं पता था कि भेजा गया प्रश्नपत्र प्रतियोगी परीक्षा का है, इसलिए उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था।
लेकिन सीबीआई की विस्तृत जांच में सुमन की इरादतन सहभागिता की पुष्टि होने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया।
खालिद और उसकी बहन साबिया भी गिरफ्तार
पुलिस ने पहले खालिद को गिरफ्तार किया और प्रारंभिक जांच में उसकी बहन साबिया को भी हिरासत में लिया गया। दोनों से पूछताछ में पेपर लीक की पूरी कड़ी सामने आई।
आंदोलन के बाद मिली CBI जांच
मामले में युवाओं ने आठ दिन तक धरना दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धरनास्थल पर पहुंचकर सीबीआई जांच की घोषणा की।
औपचारिकताओं के बाद सीबीआई ने 26 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी।