Saturday, December 6, 2025
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Uttarakhand Politics: हरक सिंह की कुंडली में नाड़ी षडाष्टक दोष, इसलिए नहीं टिक पाते किसी पार्टी में — महेंद्र भट्ट का व्यंग्य

Uttarakhand: हरक सिंह की कुंडली में नाड़ी षडाष्टक दोष, किसी पार्टी में टिकना असंभव… महेंद्र भट्ट का कटाक्ष

उत्तराखंड की सियासत में बयानबाजी लगातार तेज़ होती जा रही है। भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत पर तीखा कटाक्ष किया है।

महेंद्र भट्ट ने कहा कि “हरक सिंह की कुंडली में नाड़ी षडाष्टक दोष है, इसी कारण वे किसी राजनीतिक दल में लंबे समय तक टिक नहीं पाते।” उनका यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

CM धामी के आगामी जिलों के दौरों को लेकर संगठन सक्रिय

पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा अध्यक्ष भट्ट ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिसंबर माह में होने वाले जिलों के प्रस्तावित दौरे को लेकर संगठन योजनाबद्ध तैयारी कर रहा है।

भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रवास के दौरान वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं और स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत बैठकें सुनिश्चित की जाएंगी ताकि—

  • विकास योजनाओं,

  • जनसमस्याओं,

  • और संगठनात्मक मुद्दों

पर तुरंत चर्चा और समाधान का मार्ग निकाला जा सके।

उन्होंने बताया कि अगले एक-दो दिनों में इस यात्रा कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

एसआईआर मामले में भाजपा का चुनाव आयोग को पूरा सहयोग

एसआईआर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भाजपा पूर्णतः संवैधानिक प्रक्रिया के साथ खड़ी है और पार्टी संगठन चुनाव आयोग को हर संभव सहयोग देगा।

भट्ट ने कहा कि संगठन इस दिशा में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर रहा है और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।

“पहले सपा, फिर बसपा… कांग्रेस में कितना टिकेंगे, कह नहीं सकते”

कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत द्वारा भाजपा नेताओं पर की जा रही लगातार बयानबाजी पर प्रतिक्रिया देते हुए भट्ट ने व्यंग्यपूर्ण अंदाज़ में कहा,
“हरक सिंह दूसरों की हस्तरेखा पढ़ते फिर रहे हैं, जबकि उनकी अपनी कुंडली में नाड़ी षडाष्टक दोष है। इसलिए वे किसी भी पार्टी में टिक नहीं पाते।”

उन्होंने आगे कहा,
“पहले सपा में गए, फिर बसपा में गए, लेकिन जन्मपत्री कहीं नहीं मिली। भाजपा में तो उनका अवसर ही नहीं आया। अब कांग्रेस में कितना समय टिकेंगे, इसका भरोसा शायद उन्हें भी नहीं है।”

राज्य की राजनीति में यह बयानबाजी बताती है कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड का सियासी तापमान और अधिक बढ़ने वाला है।

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