Wednesday, October 30, 2024
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उत्तराखंड में दबिश देने आई उप्र पुलिस को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, जानिए फिर क्या हुआ

मारपीट के एक मामले में आइटीआइ थाना क्षेत्र के एक गांव में दबिश देने आई उत्तर प्रदेश पुलिस (रामपुर) को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। सूचना पर स्थानी पुलिस मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों के साथ ही स्थानीय पुलिस को भी वारंट न दिखाने पर पुलिस को बैरंग लौटा दिया।
आइटीआइ थाना क्षेत्र के ग्राम दभौरा मुस्तकम निवासी मुनाजिर पुत्र अमजद अली ने बीती पांच फरवरी को आइटीआइ थाने में तहरीर सौंपी थी। उसने आरोप लगाया था कि उसके भतीजे आरिफ पुत्र नजर हुसैन के साथ ग्राम परमानंदपुर निवासी नईम पुत्र मो. उमर, यूपी के ग्राम घोसीपुरा निवासी मोनू पुत्र मो. उमर मारपीट कर रहे थे। जब उसने रोकने का प्रयास किया तो दोनों उससे भी गाली गलौज करने लगे। इसके बाद उसका भाई लियाकत भी वहां पहुंच गया। इस पर नईम ने फोन कर अपने साथियों घोसीपुरा निवासी नवाब, गुड्डू, मोनू और अजीम को बुला लिया। बोलेरो से आये नईम के साथियों ने उसके ओर भाई लियाकत पर गाड़ी से कुचलने का प्रयास किया। आइटीआइ थाने की पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। इधर, मंगलवार को घोसीपुरा निवासी नईम पुत्र मो. उमर ने भी यूपी के रामपुर के स्वार थाने में ग्राम परमादंपुर निवासी जमशेद, इरफान, जीशान, इमरान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मंगलवार देर रात स्वार थाना पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर यहां दबिश दी। यूपी पुलिस के आने पर ग्रामीण एकत्र हो गए। उप्र पुलिस गिरफ्तार वारंट नहीं दिखा पायी। इस पर ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए यूपी पुलिस को घेरकर बंधक बना लिया। इसी बीच ग्रामीणों ने 112 को भी सूचना दे दी। सूचना पर स्थानीय आइटीआइ थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों ने बिना वारंट के दबिश देने पर विरोध जताया। वारंट नहीं दिखाने पर स्थानीय पुलिस ने किसी तरह यूपी पुलिस को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाकर बैरंग लौटा दिया।आइटीआइ थाने के एसओ विद्यादत्त जोशी ने बताया कि यहां के थाने में मुकदमा दर्ज था। आरोपियों ने यूपी के स्वार थाने में क्रॉस मुकदमा दर्ज किया था। इस पर स्वार थाना पुलिस बिना सूचना और वारंट के आरोपियों की गिरफ्तारी को आई थी। 112 की सूचना पर आइटीआइ थाना पुलिस मौके पर पहुंची थी। ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी ने अपने बचाव के लिए क्रॉस केस यूपी में दर्ज कराया था। वारंट नहीं दिखाने पर ग्रामीणों के आक्रोश के बाद यूपी पुलिस को वापस भेज दिया गया।

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