रुड़की।
रुड़की में कुख्यात अपराधी विनय त्यागी पर हुआ हमला पूरी तरह से सुनियोजित हत्या की कोशिश माना जा रहा है। पुलिस जांच में सामने आया है कि हमलावर बदमाश पूरी तैयारी के साथ मौके पर पहुंचे थे। बदमाशों के पास न केवल अवैध हथियार थे, बल्कि पत्थर भी मौजूद थे। जिस तरह फ्लाईओवर पर जाम और भारी भीड़ के बीच फिल्मी अंदाज में ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं और असलहा लहराते हुए हमलावर पैदल दौड़कर फरार हो गए, उससे उनके पेशेवर शूटर होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस इस वारदात को गैंगवार से जोड़कर भी देख रही है।
बताया जा रहा है कि विनय त्यागी को पहले से अपनी जान को खतरे का अंदेशा था। उसने अदालत में पेशी के दौरान अपनी हत्या की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग भी की थी। इसी के चलते न्यायालय के निर्देश पर पेशी के दौरान उसकी सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे। कोर्ट के आदेश पर एक दरोगा समेत पांच पुलिसकर्मी उसकी सुरक्षा में तैनात थे और अदालत जाने वाले मार्गों पर भी पुलिस बल मौजूद था।
कुख्यात अपराधी का आपराधिक इतिहास
मूल रूप से मुजफ्फरनगर जिले के पुरकाजी थाना क्षेत्र का निवासी विनय त्यागी वर्तमान में मेरठ के जागृति विहार में रह रहा था। उसे कुख्यात अपराधी सुनील राठी का करीबी माना जाता है। विनय त्यागी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में हत्या, लूट, डकैती और धोखाधड़ी जैसे 40 से अधिक संगीन मुकदमे दर्ज हैं। उसकी पत्नी निशी त्यागी पूर्व ब्लॉक प्रमुख रह चुकी है। हाल ही में देहरादून पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था।
25 लाख की धोखाधड़ी के मामले में थी पेशी
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद के नकुड़ निवासी अजय कुमार ने चार दिसंबर को विनय त्यागी और उसकी पत्नी निशी त्यागी के खिलाफ धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि लक्सर क्षेत्र में स्थित कृषि भूमि को एक करोड़ रुपये में बेचने का सौदा कर एडवांस के नाम पर 25 लाख रुपये की रकम हड़प ली गई। इसी मामले में बुधवार को पुलिस विनय त्यागी को अदालत में पेशी के लिए लेकर जा रही थी।
तीन गोलियां लगने से हालत नाजुक
फायरिंग के दौरान विनय त्यागी को तीन गोलियां लगीं। एक गोली गर्दन के पास, दूसरी पेट और छाती के समीप दाहिने हिस्से में, जबकि तीसरी गोली हाथ को चीरते हुए हड्डी तोड़कर निकल गई। गर्दन और पेट के पास लगी गोलियां शरीर के भीतर फंसी होने की सूचना है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। घायल विनय त्यागी को पहले लक्सर सीएचसी, फिर हरिद्वार जिला अस्पताल और बाद में एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया।
दिनदहाड़े फायरिंग से मची अफरा-तफरी
अतिव्यस्त फ्लाईओवर पर दिनदहाड़े गोलियां चलने से इलाके में हड़कंप मच गया। स्कूलों और फैक्ट्रियों की छुट्टी के समय रोजाना यहां जाम की स्थिति रहती है। फायरिंग होते ही लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। गनीमत रही कि किसी आम नागरिक को गोली नहीं लगी। एक महिला के पास से गोली गुजर गई, लेकिन वह बाल-बाल बच गई। जाम में फंसे लोगों ने घटना के वीडियो भी बनाए, जिनमें हमलावर हथियार लेकर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं।
पुलिस नहीं कर सकी जवाबी कार्रवाई
हमले के दौरान पुलिसकर्मियों को जवाबी कार्रवाई का मौका नहीं मिल सका। पुलिस वाहन के अंदर होने और भारी भीड़ के कारण जवान बदमाशों पर गोली नहीं चला पाए। बदमाशों की फायरिंग से पुलिस वाहन के शीशे टूट गए। घटनास्थल और वाहन से गोलियों के खोखे बरामद किए गए हैं। पुलिस ने पीछा करने की कोशिश की, लेकिन हमलावर बाइक से फरार हो गए।
फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो के आधार पर हमलावरों की पहचान में जुटी है। घटना ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था और अपराधियों के बढ़ते हौसले पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।