Saturday, December 27, 2025
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MGNREGA की जगह लागू हुआ ‘जी राम जी’ कानून: 125 दिन रोजगार की गारंटी, राज्यों पर बढ़ा 40% मजदूरी का बोझ

नई दिल्ली।
देश की ग्रामीण रोजगार व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की जगह नया ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम, 2025’ यानी VB-G RAM G (जी राम जी) लागू कर दिया है। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ यह कानून 21 दिसंबर 2025 से प्रभावी हो गया।

सरकार का दावा है कि नया कानून ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साथ-साथ टिकाऊ अवसंरचना निर्माण को बढ़ावा देगा। हालांकि, राज्यों पर मजदूरी का बड़ा वित्तीय बोझ डालने को लेकर इसे लेकर विवाद भी तेज हो गया है।


125 दिन रोजगार, लेकिन मांग आधारित नहीं

नए कानून के तहत ग्रामीण परिवारों को अब 125 दिन के रोजगार की वैधानिक गारंटी दी गई है, जो मनरेगा के 100 दिनों से अधिक है। लेकिन यह गारंटी अब मांग आधारित नहीं होगी। मजदूरों को उतना ही काम मिलेगा, जितना केंद्र सरकार द्वारा पहले से तय बजट यानी नॉर्मेटिव एलोकेशन में शामिल होगा।


मजदूरी भुगतान में बड़ा बदलाव

मनरेगा के तहत अकुशल मजदूरी का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाती थी। नए कानून में यह व्यवस्था बदल दी गई है।
अब मजदूरी का 60% केंद्र और 40% राज्य सरकारों को देना होगा। अनुमान है कि इससे राज्यों पर हर साल करीब ₹55,000 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।


संकट के समय राज्यों की जिम्मेदारी

पहले सूखा या आपदा आने पर मनरेगा के तहत केंद्र सरकार अतिरिक्त फंड जारी करती थी। नए कानून में साल की शुरुआत में ही खर्च की सीमा तय होगी। यदि काम की मांग तय सीमा से अधिक होती है, तो उसका पूरा खर्च राज्य सरकारों को ही उठाना होगा।


60 दिन का अनिवार्य ब्रेक

नए कानून में खेती के पीक सीजन के दौरान 60 दिन के अनिवार्य विराम का प्रावधान किया गया है। सरकार का कहना है कि इससे कृषि कार्यों के लिए मजदूरों की उपलब्धता बनी रहेगी, जबकि आलोचकों का मानना है कि इससे भूमिहीन मजदूरों की आय पर असर पड़ेगा।


ग्राम सभा की भूमिका घटी

मनरेगा में जहां ग्राम सभा को काम तय करने का अधिकार था, वहीं नए कानून में कार्यों को ‘विकसित भारत राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना स्टैक’ के अनुसार मंजूरी मिलेगी। सभी परियोजनाओं को पीएम गति शक्ति GIS प्लेटफॉर्म से जोड़ना अनिवार्य होगा।


डिजिटल हाजिरी और बायोमेट्रिक अनिवार्य

नए कानून में पारदर्शिता के लिए बायोमेट्रिक और AI आधारित हाजिरी सिस्टम लागू किया गया है। हालांकि, कमजोर इंटरनेट वाले इलाकों में इसे लेकर दिक्कतें सामने आने की आशंका जताई जा रही है।


सरकार–विपक्ष आमने-सामने

सरकार का कहना है कि मनरेगा भ्रष्टाचार और गैर-उत्पादक कार्यों तक सीमित हो गई थी, जबकि ‘जी राम जी’ कानून स्थायी संपत्तियों के निर्माण पर केंद्रित है। वहीं विपक्ष ने इसे संघीय ढांचे के खिलाफ बताते हुए कहा है कि मजदूरी का 40% बोझ डालकर गरीब राज्यों को दंडित किया जा रहा है।


कुल मिलाकर, ‘जी राम जी’ कानून ग्रामीण रोजगार नीति में एक बड़ा बदलाव है, जिसका असर आने वाले समय में केंद्र–राज्य संबंधों और ग्रामीण मजदूरों की आर्थिक सुरक्षा पर साफ दिखाई देगा।

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