उत्तराखंड के कोषागारों में करोड़ों रुपये के गबन के बाद अब पेंशन भुगतान से पहले पेंशनर्स का वैरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। जीवित प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के दौरान पेंशनर्स से आधार कार्ड मांगा जा रहा है। साथ ही रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर ओटीपी भेजा जा रहा है। ओटीपी वैरिफिकेशन के बाद ही पेंशन की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। राज्य के कोषागारों में पिछले दिनों पेंशन में भारी फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था। कोषागार के कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में मृत पेंशनरों की पेंशन अपने और रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर कर सरकार को पांच करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगाई है। इस मामले में अब तक दस कर्मचारी जेल भेजे जा चुके हैं।
इस गड़बड़ी को खत्म करने के लिए अब पेंशन भुगतान की प्रक्रिया को सख्त बनाया जा रहा है।नई व्यवस्था के तहत जीवित प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने वाले पेंशनर्स के मोबाइल पर ट्रेजरी से ओटीपी भेजा जा रहा है। ओटीपी के साथ ही आधार कार्ड और पैन कार्ड को भी अनिवार्य कर दिया गया है।
- 1.50 लाख पेंशनर्स
पेंशनर्स के लिए अभी तक साल में एक बार जीवन प्रमाण पत्र कोषागार को देना होता था। इसके लिए पेंशनर्स को कोषागार जाना जरूरी नहीं था और वे किसी के हाथ भी यह दस्तावेज भेज सकते थे। लेकिन फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद अब कोषागार ने पेंशनर्स के लिए जीवन प्रमाण पत्र के साथ ही आधार, पैन कार्ड और रजिस्टर्ड नम्बर पर ओटीपी अनिवार्य कर दिया है। उत्तराखंड में 1. 50 लाख पेंशनर्स हैं।