विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए कांग्रेस कितनी लापरवाह थी, इसका अंदाजा पार्टी मुख्यालय में आसानी देखा जा सकता है। जनता को बांटने के लिए छपवाए गए घोषणा पत्र –उत्तराखंडी स्वाभिमान– और पोस्टर-पैम्पलेट के बंडल के बंडल राजीव भवन के भीतर ही जस के तस पड़े हैं। न तो इन्हें समय पर पार्टी प्रत्याशियों को भेजा गया और न ही दिन भी राजीव भवन में डेरा जमाए बैठे नेताओं ने आने जाने वालों को ही बांटा।
कांग्रेस की चुनाव में करारी हार के कारण धीरे धीरे सामने आ रहे हैं। कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के लिए ‘उत्तराखंडी स्वाभिमान’ के नाम पर घोषणा पत्र, पैम्पलेट, पोस्टर बड़ी संख्या में छपाए थे। इन्हें आम लोगों, बुद्धिजीवियों, विभिन्न सेक्टर के प्रबुद्ध लोगों को दिया जाना था। शनिवार को हिन्दुस्तान ने पाया कि कांग्रेस मुख्यालय के महामंत्रियों के ऑफिस से सटे कमरे में हजारों की संख्या में परचे और घोषणा पत्र रखे हैं।इनमें कई बंडल तो ऐसे हैं, जिनकी पैकिंग तक नहीं खोली गई है। चुनाव के दौरान बांटी जाने वाली सामग्री को इस प्रकार बर्बाद करना कांग्रेस के रणनीतिकारों पर सवाल उठाने को काफी है। संपर्क करने पर प्रदेश महामंत्री मथुरादत्त जोशी ने स्वीकार किया कि काफी सामग्री अनबंटी रह गई।लेकिन उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने घर घर तक पार्टी की नीतिरीति ले जाने के लिए बड़ी संख्या में घोषणापत्र व अन्य सामग्री छपवाई थी। पर्याप्त संख्या में उन्हें बांटा भी गया है। लेकि कुछ सामग्री प्रिंटिंग प्रेस से थोड़ा विलंब से मिली। इस वजह से वो रह गई।
गोदाम में रखा रह गया ‘उत्तराखंडी स्वाभिमान’, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नहीं बांट पाई घोषणापत्र
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