वन विभाग ने दो लोगों की जान लेने वाले बाघ की करीब एक माह बाद फतेहपुर रेंज में तलाश शुरू की है। इस बार तलाश हाथी पर बैठकर की जा रही है। करीब एक माह बाद सक्रिय हुए वन विभाग के रवैये पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
फतेहपुर रेंज में एक बाघ ने 17 जनवरी को बजूनियाहल्दू कठघरिया निवासी नत्थू लाल (48 ) और 21 फरवरी को पनियाली निवासी जानकी देवी (50 वर्ष) पत्नी श्याम सिंह को उनके घर के पास के जंगल में अपना शिकार बनाया। बाघ की तलाश में वन विभाग ने फतेहपुर रेंज में 50 सीसीटीवी कैमरे लगाए। जिनमें सिर्फ एक बार ही बाघ दिखाई दिया। इस बीच वन विभाग ने हाथी से फतेहपुर के जंगलों में गश्त कर बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की योजना बनाई। लेकिन वन विभाग को करीब एक माह बाद कॉर्बेट से हाथी मिल सके हैं। जिसके बाद मंगलवार को वन विभाग के डॉक्टरों के साथ वन कर्मियों ने जंगल में गश्त शुरू कर दी है। फतेहपुर रेंज के रेंजर केआर आर्या का कहना है कि बाघ ने दो लोगों की जान ली है ऐसे में उसके लोकेशन लेकर उसे ट्रेंकुलाइज करने की योजना है।
आदमखोर बाघ की तलाश में एक माह बाद कांबिग
RELATED ARTICLES