स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में देहरादून-मसूरी का जलवा कायम है। एजुकेशनल वर्ल्ड द्वारा जारी स्कूलों की ताजा रैंकिंग सूची में देश में गर्ल्स बोर्डिंग में देहरादून के वेल्हम गर्ल्स और ब्वायज बोर्डिंग में द दून स्कूल ने पहला स्थान हासिल किया है। ये दोनों ही स्कूल पिछली रैंकिंग से एक-एक स्थान ऊपर आए हैं। रैंकिंग सूची में दून, मसूरी और नैनीताल के स्कूल छाए हुए हैं। सालाना ईडब्ल्यूआईएसआर दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल रैंकिंग सर्वेक्षण है। एजुकेशन वर्ल्ड, सी फोर के सहयोग से एजुकेशन वर्ल्ड इंडिया स्कूल रैंकिंग (ईडब्ल्यूआईएसआर) 2021-22 ने भारत के 300 से अधिक शहरों में सर्वश्रेष्ठ और शीर्ष स्कूलों का सर्वे किया है। सर्वे में 11,458 स्कूलों के शिक्षाविदों, प्राचार्यों, शिक्षकों, अभिभावकों से जून से सितंबर माह की अवधि में साक्षात्कार लिया गया था। ब्वायज बोर्डिंग के मामले में दून स्कूल ने ग्वालियर के सिंधिया स्कूल को पीछे छोड़ पहला स्थान प्राप्त किया। सिंधिया स्कूल अब देश में नम्बर तीन पर है। वहीं, गर्ल्स बोर्डिंग में वेल्हम गर्ल्स ने सिंधिया कन्या विद्यालय ग्वालियर को पीछे छोड़ा है।
इंटरनेशनल रेजिडेंसियल में मसूरी के वुडस्टॉक का जलवा
देहरादून। इंटरनेशनल रेजिडेंसियल में मसूरी का वुडस्टॉक स्कूल 1395 अंक के साथ नम्बर एक पर बना हुआ है। इंटरनेशनल डे स्कॉलर व इंटरनेशनल डे कम बोर्डिंग में उत्तराखंड का कोई स्कूल टॉप टेन में नहीं है।
दून स्कूल से जुड़े हैं देश के कई बड़े नाम
देहरादून। एजुकेशनल वर्ल्ड सी फॉर इंडियाज मोस्ट रेस्पेक्टेड स्कूल में प्रतिष्ठित दून स्कूल को लगातार चार साल ( 2007-2010) के लिए टॉप बोर्डिंग स्कूल की सूची में रैंक किया जा चुका है। इसमें देश के सबसे प्रसिद्ध राजनीतिक, नौकरशाह, उद्योग के पेशेवर हस्तियों के बच्चे पढ़ते हैं। दून स्कूल को बीबीसी, टाइम्स ऑफ इंडिया, द न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी देश के सर्वश्रेष्ठ बोर्डिंग स्कूल के रूप में रैंक किया है। यह सिर्फ लड़कों का आवासीय विद्यालय है। 1935 में सतीश रंजन द्वारा स्थापित यह स्कूल दसवीं कक्षा में आईजीसीएसई व 12 में आईबी या आईएससी में संचालित है। स्कूल में पर्वतारोहण, खेल, रंगमंच, क्लब जैसी गतिविधियां चलती हैं। भारत का राष्ट्रगान बनने से 15 साल पहले से ही जनगणमन को दून स्कूल का आधिकारिक गीत बनाया गया था। रस्किन बांड के उपन्यास का मुख्य पात्र जय शंकर दून स्कूल का ही है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी इस संस्था के सबसे यादगार पूर्व छात्र रहे हैं।
कई खूबियां बनाती हैं दून स्कूल को खास
स्कूल का परिसर खूबसूरत लैंडस्केप से भरपूर, इसकी लाल ईंट की इमारतें, अच्छी तरह से सुसज्जित प्रयोगशालाएं, अत्याधुनिक कम्प्यूटर लैब, 120 टर्मिनलों का आईटी केन्द्र, प्रौद्योगिकी केन्द्र, भौतिक व प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, 18 हजार दस्तावेजी किताबों के संग्रह वाली लाइब्रेरी है। 25 मीटर का स्वीमिंग पूल, चार स्क्वैश, दो बॉस्केटबॉल, चार टेनिस कोर्ट, क्रिकेट-हॉकी, फुटबाल ग्राउंड, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, जिमनास्टिक, टेबल टेनिस की सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं। स्कूल लड़कों को सातवीं कक्षा से प्रवेश देता है। यह सीआईएससीई से सम्बंध है और अंतरराष्ट्रीय स्तर के डिप्लोमा कार्यक्रम(आईबीडीपी)प्रदान करता है। शैक्षणिक वर्ष एक फरवरी से 31 मई बसंत अवधि और एक अगस्त से 30 नवंबर तक शरद ऋतु तक संचालित होते हैं। छात्र शिक्षक का अनुमात 10:1 है, जिसमें कक्षा की औसत संख्या लगभग बीस छात्र है। संस्कृत अनिवार्य है। वैकल्पिक भाषा में जर्मन, फ्रेंच भी पढ़ाई जाती है।
वेल्हम गर्ल्स स्कूल भी किसी से कम नहीं
देहरादून। दून के डालनवाला में स्थित इस स्कूल को लड़कियों के लिए भारत के श्रेष्ठतम स्कूलों में से एक माना जाता है। इसकी स्थापना 1957 में एचएस ओलिफंत ने की थी। आईसीएसई और आईएससी से सम्बंध इस स्कूल में लड़कियों के लिए फोटोग्राफी, नृत्य, नाटक जैसी गतिविधियां हैं। नेचर क्लब, क्विज क्लब, अंग्रेजी और हिंदी वाद विवाद के अलावा भारतीय शास्त्रत्त्ीय संगीत-सितार, पश्चिमी स्वर, पश्चिमी वाद्य यंत्र, कथक, भरतनाट्यम, लोकनृत्य, समकालीन शिल्प के साथ ही फोटोग्राफी, कम्प्यूटर, थिएटर सिखाया जाता है। पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार, अभिनेत्री करीना कपूर, प्रियंका गांधी यहां की उल्लेखनीय छात्रा रही हैं। वेल्हम गर्ल्स की मुख्य प्रशासनिक बिल्डिंग मशहूर रंगकर्मी, अभिनेत्री जोहरा सहगल का आवास था, जहां उनका बचपन बीता है।
उपलब्धि : देहरादून के प्रसिद्ध दून स्कूल और वेल्हम गर्ल्स देश में नंबर वन
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