उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने आयुष-यूजी काउंसलिंग के द्वितीय चरण में 17 अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त किए हैं। इनमें से ज्यादातर के आवेदन दाखिले की तय अहर्ता पूरी न करने पर निरस्त हुए हैं। विवि ने प्रथम चरण में भी 17 अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त किए थे। इनका भी कारण न्यूनतम अहर्ता पूरी न करना और पंजीकरण के वक्त जरूरी दस्तावेज अपलोड न करना रहा।
द्वितीय चरण में 17 आवेदन निरस्त किए
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय फिलवक्त आयुष-यूजी काउंसलिंग का आयोजन कर रहा है। इसमें अभी द्वितीय चरण चल रहा है। द्वितीय चरण में 17 आवेदन निरस्त किए गए हैं। दरअसल, नीट में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को 50 परसेंटाइल और ओबीसी, एससी-एसटी के अभ्यर्थी को 40 परसेंटाइल पर आयुष काउंसलिंग में शामिल कर दाखिला दिया जाता है। 16 आवेदन इसी कारण निरस्त किए गए हैं। यह उम्मीदवार दाखिले की न्यूनतम अहर्ता नहीं रखते। जबकि, एक आवेदन शैक्षणिक अहर्ता पूरी न करने पर निरस्त हुआ है। काउंसलिंग में प्रतिभाग को सामान्य अभ्यर्थी के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री व जीव विज्ञान में 50 प्रतिशत अंक होना जरूरी है। ओबीसी और एससी-एसटी के लिए 40 प्रतिशत अंक होना जरूरी है। विश्वविद्यालय के कुलपति डा. सुनील जोशी ने बताया कि उक्त आवेदन जरूरी आवश्यकता या अहर्ता पूरी न करने पर निरस्त किए गए हैं। हालांकि, नीट परसेंटाइल में गत वर्षों में छूट दी गई है। ऐसे में ये अभ्यर्थी बाद में काउंसलिंग में शामिल हो सकते हैं।
दाखिले के विकल्प बढ़े
आयुष यूजी काउंसलिंग के द्वितीय चरण में अभ्यर्थियों के लिए दाखिले के विकल्प बढ़ गए हैं। रुड़की स्थित ओम आयुर्वेदिक कालेज को 60 सीट की मान्यता मिल गई है। उधर, हरिद्वार आयुर्वेदिक कालेज को सशर्त काउंसलिंग में शामिल किया गया है। दरअसल, इस कालेज की मान्यता का प्रकरण कोर्ट में लंबित है।
अहर्ता पूरी न करने पर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने निरस्त किए 17 अभ्यर्थियों के आवेदन
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