सीमांत जनपद में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में 157 में से महज 51 आवेदनों को ही स्वीकृति मिली है। इनमें से 58 मामले बैंक स्तर पर लंबित हैं। डीएम ने बैंकों के ऋण बांटने की धीमि गति पर नाराजगी जताते हुए लोगों को हर हाल में योजनाओं का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए।
डीएम डॉ. आशीष चौहान की अध्यक्षता में जिला स्तरीय पुनरीक्षण समन्वय समिति की त्रैमासिक समीक्षा बैठक हुई। इस दौरान उन्होंने पीएनबी, सीबीआई, एक्सिस बैंक, नैनीताल तथा इंडस्ट्रीयल बैंक के निर्धारित लक्ष्य से कम सीडी रेश्यो पर नाराजगी व्यक्त करते हुए ऋण अनुपात में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने बैंक प्रबंधन से प्राथमिक सेक्टर में फसली ऋण और सावधि ऋण वितरण पर अधिक फोकस करने को कहा, ताकि स्वरोजगार को बढ़ावा मिल सके। साथ ही पीएम स्वरोजगार योजना, पीएम सृजन कार्यक्रम, सीएम स्वरोजगार योजना, सीएम सौर स्वरोजगार योजना, पं.दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना प्रगति की समीक्षा करते हुए सभी बैंकों एवं संबंधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ बेहतर प्रगति लाने के निर्देश दिए। लीड बैंक अधिकारी ने बताया राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बैंकों ने 744 आवेदनों में से 514 स्वीकृत किए हैं। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में 157 आवेदनों में से 51 स्वीकृत हुए हैं, जबकि 48 अस्वीकृत और 58 बैंक स्तर पर लंबित है। सीएम स्वरोजगार योजना के तहत 422 लाभार्थियों को ऋण वितरण कर सीमांत जनपद प्रदेश में चौथे स्थान पर है। इस मौके पर सीडीओ अनुराधा पाल, पीडी आशीष पुनेठा, डीडीएम नाबार्ड अमित पांडेय, लीड बैंक अधिकारी अमर सिंह ग्वाल।
पिथौरागढ़ में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में 157 में से महज 51 आवेदन स्वीकृत
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