अल्मोड़ा। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन ने लोगों को सिर्फ कोरोना के खतरे से ही नहीं बचाया बल्कि इस टीकाकरण से लोगों को दूसरी बीमारियों से लड़ने की ताकत भी मिली। वैक्सीन से जहां बीमार बच्चों बूस्टर मिला वहीं गर्भवती महिलाओं के शरीर में भी इससे पोषण की क्षमता बड़ी।
पूरे देश में कोरोना की अभी तीसरी लहर चल रही है। पहली और दूसरी लहर की अपेक्षा तीसरी लहर में कम लोगों की इस संक्रमण से मौत हुई। अल्मोड़ा जिले की बात करें तो कोरोना की पहली और दूसरी लहर से जिले में 157 मौतें हुई थी। जबकि तीसरी लहर में सिर्फ पांच लोगों की जान गई। और यह भी रैफर केस थे। पहली लहर से तीसरी लहर तक स्वास्थ्य विभाग ने तीन लाख 24 हजार 844 जांचें की। जिसमें से स्वास्थ्य विभाग को तीन लाख 24 हजार 511 रिपोर्ट मिली। इसमें छह हजार 153 लोग कोरोना संक्रमित निकले। तीसरी लहर में पांच मौतें हुई लेकिन उनमें भी ओमीक्रॉन के लक्ष्ण नहीं मिले। जिले में अभी मात्र छह सक्रिय केस हैं। कोरोना संक्रमितों के लिए जिले में 934 क्वारंटीन सेंटर बनाए गए थे। कोविड वार्डों में भी 1600 बेड की व्यवस्था थी। कोरोना काल में 375 विदेशी नागरिकों की भी स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी की जिसमें से एक भी नागरिक की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं मिली। कोरोना वैक्सीन का लाभ सिर्फ कोरोना संक्रमितों को ही नहीं मिला। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार कोरोना वैक्सीन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसे लगाने से कई ऐसे बच्चे थे जो पहले से बीमार थे। उन्हें टीका लगाने पर उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बड़ी जिसने उनके शरीर को पहले से मौजूद बीमारियों से लड़ने के लिए ताकत दी। ऐसी गर्भवतियां जिनके शरीर में खान पान की कमी से पोषक तत्वों की कमी थी। उनके शरीर को भी कोरोना वैक्सीन ने मजबूत बनाया। सही मायने में कोरोना के टीके ने ऐसे लोगों की जान भी बचाई जो कोरोना संक्रमण की चपेट में नहीं आए थे।
बागेश्वर में 77.28 प्रतिशत बच्चों को लग गए कोविड टीके
बागेश्वर। जिले में 12 से 14 आयुवर्ग के 77.28 फीसदी बच्चों को कोविड के टीके लग गए हैं। बोर्ड परीक्षा के कारण इन दिनों टीकाकरण की गति धीमी हुई है। बोर्ड परीक्षा संपन्न होने के बाद टीकाकरण का लक्ष्य पूरा हो जाएगा।
जिले में 12 से 14 आयुवर्ग के 8754 बच्चों को कोविड टीके की पहली डोज लगाई जानी थी। स्वास्थ्य विभाग स्कूलों में जाकर बच्चों को टीके लगा रहा है। टीकाकरण नोडल अधिकारी डॉ. पीएस जंगपांगी ने बताया कि जिले में 6750 बच्चों को कोविड टीके की पहली डोज लगाई जा चुकी है। वर्तमान में बोर्ड परीक्षाओं के चलते टीकाकरण की गति कुछ धीमी हुई है। माध्यमिक कक्षाओं के बच्चों को कोविड के टीके लगाए जा चुके हैं। बोर्ड परीक्षा के चलते जूनियर कक्षाओं का संचालन न होने के कारण जूनियर कक्षाओं के बच्चों को कोविड टीके लगाने में व्यवधान आया है। बोर्ड परीक्षा संपन्न होते ही टीकाकरण का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में गरुड़ क्षेत्र में टीकाकरण किया जा रहा है। मंगलवार को भी तीन स्कूलों में टीकाकरण किया गया।
टीके से बीमार बच्चों को मिला बूस्टर
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