स्याल्दे (अल्मोड़ा)। स्याल्दे ब्लॉक के दूरस्थ सनणभीड़ा गांव में उस समय मातम छा गया। जब एक ही परिवार के तीन लोगों की हादसे में जान जाने की खबर गांव में पहुंची। खबर सुनते ही कई ग्रामीण घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े। तीनों शवों का भिकियासैंण में ही पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव उनके घर भी नहीं लाए गए। देर शाम गांव से करीब तीन किलोमीटर दूर देघाट में अंतिम संस्कार किया गया। शवों के देघाट पहुंचते ही आसपास के गांवों में भी शोक की लहर दौड़ गई। हादसे पर क्षेत्र के लोगों ने भी शोक प्रकट किया है। शोक प्रकट करने वालों में यूसीएफ के निदेशक हृदयेश मेहरा, व्यापार संघ अध्यक्ष अशोक तिवारी, क्षेत्र पंचायत सदस्य सूरज मेहरा, प्रधान इंदु देवी, पृथ्वीपाल सिंह, धर्मपाल सिंह, भूपेंद्र सिंह, अध्यक्ष पूरन सिंह, वीरेंद्र सिंह, जगदीश उप्रेती, भगवत खाती, किशन सिंह मैठानी आदि थे।
अधिकारियों ने किया घटनास्थल का निरीक्षण
भिकियासैंण। मुसोली के घटुगाड़ गधेरे में हुए सड़क हादसे के बाद आरआई रामनगर भानु प्रकाश ने अधिकारियों के साथ घटनास्थल का निरीक्षण कर दुर्घटना के कारणों की जांच की। जांच में अधिकारियों ने पाया कि जिस स्थान पर हादसा हुआ है। वहां गाड़ी की गति तेज थी और सड़क के किनारे पैरापिट भी नहीं था। हल्का मोड़ भी वहां पर है और सड़क की चौड़ाई भी 17 फुट है। निरीक्षण में नायब तहसीलदार दीवान गिरी, अपर सहायक अभियंता गुलाम मोहम्मद, चौकी इंचार्ज ओमप्रकाश सिंह नेगी आदि थे।
सीएचसी भिकियासैंण में नहीं है हड्डी रोग विशेषज्ञ
भिकियासैंण। पीपीपी मोड में संचालित सीएचसी भिकियासैंण में एक बार फिर से हड्डी रोग विशेषज्ञ की कमी देखने में आई है। किसी भी दुर्घटना के बाद अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ की जरूरत पड़ सकती है लेकिन यहां वर्षों से हड्डी रोग विशेषज्ञ का पद खाली है। जिस कारण यहां आने वाले मरीजों को रेफर करना पड़ता है।
एक परिवार के तीन लोगों की चिताएं एक साथ जलीं तो गांव में शोक
RELATED ARTICLES