उरेडा के अफसरों ने निवेशकों की 12 करोड़ की सब्सिडी दबा दी है। केंद्र सरकार पिछले साल 28 अक्तूबर को सब्सिडी का बजट राज्य को दे चुकी है, लेकिन अभी तक निवेशकों को यह राशि नहीं दी गई। हैरानी की बात यह है कि अफसर निवेशकों को न मिल रहे हैं और न ही सब्सिडी की जानकारी दी जा रही है। इससे निवेशकों के बैंक करप्ट होने का खतरा पैदा हो गया है। राज्य के 22 निवेशकों ने केंद्र सरकार की सोलर पॉलिसी के तहत सोलर प्लांट लगाए थे। परियोजना लगाने से पूर्व और लगने के बाद केंद्र सरकार की टीमों ने इनका निरीक्षण किया और प्लांट सही पाए जाने पर इनके लिए सब्सिडी मंजूर कर दी गई। आठ निवेशकों की सब्सिडी उनके खातों में आ चुकी है। लेकिन 14 की सब्सिडी केंद्र से राज्य सरकार को मिलने के बावजूद अभी तक जारी नहीं हो पाई है। सब्सिडी क्यों जारी नहीं हो रही यह बताने को भी कोई तैयार नहीं है। करोड़ों के लोन लेकर लगाए प्रोजेक्ट :सोलर के प्लांट लगाने के लिए निवेशकों ने करोड़ों के लोन लिए हुए हैं। उन्हें उम्मीद थी कि प्लांट लगते ही उन्हें केंद्र की 70 प्रतिशत सब्सिडी मिल जाएगी। लेकिन राज्य में प्लांट लगाकर अब वे फंस गए हैं। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन भी समय पर उनका भुगतान कर नहीं रहा है
मुख्यमंत्री सौर रोजगार योजना जारी रहेगी
त्रिवेंद्र सरकार में शुरू हुई मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना आगे भी जारी रहेगी। ऊर्जा विभाग ने इस योजना को मौजूदा वित्तीय वर्ष में जारी रखने के लिए विद्युत नियामक आयोग को पत्र लिखा है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बंजर जमीन पर सोलर प्लांट लगाने के लिए भाजपा की पिछली सरकार ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना लागू की थी। इस योजना के तहत 25 किलोवाट के सोलर प्लांट लगाने के लिए सरकार 25 प्रतिशत सब्सिडी दे रही थी। योजना के तहत प्लांट लगाने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2022 थी। अब सरकार ने योजना की अंतिम तिथि बढ़ाने का फैसला किया है। ऊर्जा निगम की अपर सचिव रंजना राजगुरु ने बताया कि अंतिम निर्णय विद्युत नियामक आयोग की ओर से लिया जाएगा। उरेडा के अफसरों की ओर से सोलर प्लांटों की कुल 12 करोड़ के करीब सब्सिडी दबाई गई है। कई बार सब्सिडी के संदर्भ में एसोसिएशन ने अधिकारियों से मिलने का समय ले लिया लेकिन अफसर मिल भी नहीं रहे हैं। सरकार भी सब्सिडी न देने पर राज्य को फटकार लगा चुकी है पर कोई असर नहीं हो रहा है।- आरके बहुगुणा, अध्यक्ष, अक्षय ऊर्जा एसोसिएशन
निवेशकों को सब्सिडी न मिलने के मामले का परीक्षण कराया जाएगा। जिन लोगों के प्रकरण सही होंगे उनका भुगतान तत्काल कराया जाएगा। अफसरों से पूछा जाएगा कि अभी तक निवेशकों का भुगतान क्यों नहीं किया गया। निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। – रंजना राजगुरु, अपर सचिव, ऊर्जा
ऐसे कैसे होगा उत्तराखंड का विकास! अफसरों ने दबाए निवेशकों के 12 करोड़ रुपये
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