जंगलों की आग और ट्रांचिंग ग्राउंड के धुएं ने हल्द्वानी की आबोहवा को खराब कर दिया है। इस महीने यहां की हवा में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 10) का स्तर 136 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पहुंच गया है। 6 साल के भीतर अप्रैल माह में पहली बार पीएम 10 का स्तर इतना ज्यादा दर्ज किया गया है। पिछले साल से तुलना करें तो इस साल प्रदूषण का स्तर दोगुना तक बढ़ चुका है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार 2017 में पीएम 10 का स्तर 129.92 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया गया था। उसके बाद से 2021 तक हल्द्वानी में वायु प्रदूषण का स्तर कम हुआ था। पिछले साल कोरोना काल में लॉकडाउन के चलत सार्वजनिक परिवहन का सीमित संचालन होने से हवा की गुणवत्ता में रिकॉर्ड सुधार हुआ था। तब यहां की हवा का पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 10) 68.66 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर आ गया था। ये अप्रैल माह में सबसे कम पीएम 10 था। लेकिन इस बार स्थितियां सामान्य हैं और जंगलों में भी आग लग रही है। साथ ही मार्च माह से यहां बारिश भी नहीं हुई है। ऐसे में प्रदूषण स्तर में इजाफा हुआ है।
अप्रैल माह में इस साल हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित
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