अतिरिक्त जिला व सेशन जज (फास्ट ट्रैक कोर्ट) अश्वनी गौड़ की अदालत ने किशोरी से दुष्कर्म के मामले में आरोपित को दोषी करार देते हुए 20 साल की कैद और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा न करने पर दोषी को छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
उत्तेजित करने की दवा खिलाई और दुष्कर्म किया
शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार के अनुसार एक महिला ने रायपुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उनके पड़ोस में रहने वाले आरोपित धरासू (उत्तरकाशी) निवासी दीपेंद्र पंवार का उनके घर पर आना-जाना था। पांच मार्च 2020 को वह किसी के घर गई थीं तो दीपेंद्र ने उनकी बेटी को अपने कमरे में बुला लिया। आरोपित ने उसे उत्तेजित करने की दवा खिलाई और इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया।
जान से मारने की दी थी धमक देगा
साथ ही किशोरी को धमकी दी कि यह बात किसी को बताई तो जान से मार देगा। 14 मार्च 2020 को भी आरोपित जबरदस्ती किशोरी को अपने कमरे में ले जाने का प्रयास कर रहा था। इस दौरान दीपेंद्र के साथ एक अन्य युवक भी था। जिसके बाद किशोरी ने स्वजन को पूरा मामला बताया।
दोषी को राखी बांधती थी पीड़िता
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि दीपेंद्र पंवार को किशोरी भाई मानती थी और रक्षाबंधन पर राखी बांधती थी। जब पीड़िता की मां को शक हुआ कि वह उनकी बेटी पर बुरी नजर रखता है, तो उन्होंने उससे दूरी बनानी शुरू कर दी।
किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाई 20 साल की कैद, राखी बांधती थी पीड़िता
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