शहर के एक निजी स्कूल की छात्रा कोरोना संक्रमित मिली है। उसकी हालत सामान्य है। स्कूल प्रबंधन की सूचना पर शिक्षा विभाग ने स्कूल को दो दिन के लिए बंद करा दिया है। स्कूल को सैनिटाइज भी कराया गया है। वहीं, देश में पिछले कुछ दिनों से बढ़ रहे कोरोना के मरीजों में बच्चों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में छात्रा के संक्रमित होने से विभाग, स्कूल और अभिभावक सकते में हैं। जिला शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, डालनवाला स्थित ब्राइटलैंड स्कूल में लगभग 11 वर्षीय छात्रा की तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने डॉक्टर को दिखाया था। कोरोना के लक्षण नजर आने पर डॉक्टरों ने जांच कराई। 20 अप्रैल को छात्रा में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। तभी से छात्रा स्कूल नहीं गई थी। स्कूल प्रबंधन की ओर से इसकी सूचना जिला शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी गई। स्कूूल को सैनिटाइज करा दिया गया है। मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि सूचना पर स्कूल को दो दिन बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। शनिवार और रविवार के साप्ताहिक अवकाश के बाद सोमवार को स्कूल खुल जाएगा।
बच्चों को मास्क, सोशल डिस्टेंस का पालन कराए
मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. मुकुल कुमार सती और जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राजीव दीक्षित ने कहा कि सभी स्कूलों से कहा गया है कि बच्चों को मास्क, सोशल डिस्टेंस का पालन और हाथों को धुलने या सैनिटाइज करना सुनिश्चित कराएं। स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों से अपील की है कि बच्चों में कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर योग्य डॉक्टर से जांच कराएं। स्कूल प्रबंधन शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को भी सूचित करें। डॉ. दीक्षित ने बताया कि ब्राइटलैंड स्कूल में जो छात्रा संक्रमित मिली वह स्वस्थ है। अन्य छात्र-छात्राओं में लक्षण नहीं हैं तो कोरोना की जांच कराने की अभी जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि फिर भी अभिभावक और स्कूल प्रबंधन बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान रखें।
बच्चों में ये लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर के पास जाएं
बुखार, नाक बहना, गले में दर्द, शरीर में दर्द, सूखी खांसी, उल्टी आना, लूज मोशन (दस्त), पूरे शरीर या आंखों आदि दूसरे अंगों में सूजन आना, गर्दन में दर्द, रैशेज आना, आंखें लाल होना, थकान महसूस होना, होंठ फटना, हाथों-पैरों में सूजन आना और पेट दर्द आदि कोरोना के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से कोई भी लक्षण है तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
बच्चों के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखनी चाहिए। अगर व्यवहार में बदलाव दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बच्चों को गंदगी से दूर रखें और बार-बार हाथ धोने की आदत डलवाएं। पांच साल से ऊपर के बच्चों को मास्क के बारे में भी बताएं और भीड़भाड़ वाली जगहों पर ले जाने से बचें। अगर बच्चा कोरोना टीकाकरण के दायरे में आता है तो टीका जरूर लगवाएं। -डॉ. अशोक कुमार, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल
देहरादून में फिर बजी खतरे की घंटी, निजी स्कूल की एक छात्रा संक्रमित, दो दिन के लिए बंद कराया गया स्कूल
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