देहरादून। पटेलनगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के समापन दिवस पर कथा वाचक शिव स्वरूप नौटियाल ने कथा श्रवण करते हुए कहा कि जीवन में जिसको सब कुछ मिला है, कर्म और त्याग से ही मिला है। सुदामा प्रसंग सुनते हुए उन्होंने कहा कि सुदामा के जीवन मे भगवान का नाम और त्याग ही था। जिससे सीधे भगवान से उनका मिलन हुआ। जीवन में मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसका लोभ है। लोभ से व्यक्ति पाप मार्ग पर जाता है। कथा में आचार्य नीरज शुक्ला, कमल देवरानी, सन्दीप बडोला, मणिक राम पोखरियाल, महेश पन्त, दामोदर चमोली, पंकज भट्ट, मनोहर लाल कंडवाल, विनोद प्रकाश कंडवाल, चन्द्र प्रकाश कंडवाल, प्रसन्न लाल आदि मौजूद रहे।