यूपीसीएल की ओर से बिजली की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार करने की चर्चाओं के बीच उपभोक्ता भी नियामक आयोग पहुंच गए हैं। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर मांग की है कि दोबारा दरों में बढ़ोतरी न की जाए। दरअसल, यूपीसीएल रोजाना बाजार से करोड़ों रुपये की बिजली महंगे दाम में खरीदकर सस्ते में आपूर्ति कर रहा है। इस घाटे को कम करने के लिए यूपीसीएल की ओर से नियामक आयोग को विद्युत दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजने की तैयारी की जा रही है। इस बीच प्रेमनगर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता वी वीरू बिष्ट व अन्य ने नियामक आयोग के अध्यक्ष को ई-मेल भेजा। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से विद्युत दरों में बढ़ोतरी लागू हुई है। इस बढ़ी दरों के बिल कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को मिल भी गए हैं। दोबारा बढ़ोतरी करना उपभोक्ताओं के साथ सरासर अन्याय होगा। उन्होंने मांग की है कि किसी भी सूरत में बढ़ोतरी न की जाए। अगर यूपीसीएल का कोई प्रस्ताव ऐसा आए तो या तो उसे रद्द किया जाए या फिर जन सुनवाई की जाए। इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाए।
नियामक आयोग में याचिका दायर करेगा यूपीसीएल
यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि वह पूर्व में ऊर्जा निगम को हो रहे घाटे से संबंधित जानकारी नियामक आयोग को भेज चुके हैं। अब आयोग में विद्युत दरों में बढ़ोतरी से जुड़े प्रस्ताव की याचिका दायर करने की तैयारी है। इस पर आयोग को ही अंतिम निर्णय लेना है।
नियामक आयोग पहुंचे उपभोक्ता, दोबारा विद्युत दरों में बढ़ोत्तरी न किए जाने की लगाई गुहार
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