भागीरथी नदी के बीच टापू पर फंसे 22 मजदूरों के लिए पुलिस व एसडीआरएफ देवदूत बनकर आई। सिंचाई विभाग के यह मजदूर अस्थाई रूप से नदी के बीच बने टापू में रह रहे थे। जो भारी बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ने से फंस गए थे। टीम ने जान जोखिम में डालकर सभी मजदूरों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। बीते बृहस्पतिवार रात को राजकीय इंटर कॉलेज मनेरी के पास कुछ लोग भागीरथी नदी के बीच टापू पर फंस गए। जिसकी सूचना पर सीओ अनुज कुमार के नेतृत्व में मनेरी पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। टीम के सदस्यों ने खुद की जान की परवाह न करते हुए रात के अंधेरे में ही सभी मजदूरों को सकुशल बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। मजदूरों ने बताया कि वह यहां चल रहे सुरक्षा कार्यों में लगे हुए थे। जो 15 मई को यहां से जाने वाले थे। इसके लिए अपना सामान भी भेज चुके थे। लेकिन अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से वह यहां फंस गए। सभी मजदूरों ने उनकी जान जोखिम में डालकर उन्हें बचाने वाली पुलिस व एसडीआरएफ की टीम का आभार जताया। टीम में एसएसआई प्रदीप तोमर, कांस्टेबल दिनेश, राकेश सिंह, नवीन, प्रवीण आदि मौजूद रहे। बृहस्पतिवार रात यहां मनेरी डैम के पास मजदूरों की जान पर बन आई। अचानक पानी का जलस्तर बढ़ा तो मजदूर घबरा गए। बचाव के लिए आवाज देने पर भी मजदूरों को मदद मिलना मुश्किल था। जलस्तर बढ़ने की खबर फैली तो मजदूरों के फंसे होने की भी बात सामने आई। इसके बाद सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची।
जलस्तर बढ़ने से भागीरथी नदी के बीच टापू पर फंसे 22 मजदूर, तस्वीरों में देखें कैसे देवदूत बनी एसडीआरएफ और पुलिस
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