Thursday, October 31, 2024
Homeउत्तराखण्डफर्जी डिग्री, असली नौकरी: तीन हजार से अधिक शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की...

फर्जी डिग्री, असली नौकरी: तीन हजार से अधिक शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की SIT करेगी जांच, 43 पर केस दर्ज करने की सिफारिश

प्रदेश में तीन हजार से अधिक शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की एसआईटी जांच करेगी। अब तक की गई जांच में अमान्य एवं फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्ति के 124 मामले पकड़ में आए हैं। इनके खिलाफ शिक्षा महानिदेशालय को मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की गई है। इनमें से अभी तक 81 शिक्षकों के खिलाफ ही मुकदमा हुआ है। अब अन्य 43 शिक्षकों के खिलाफ भी मुकदमा हो सकता है। प्रदेश में कई शिक्षक अमान्य एवं फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर सरकारी एवं अशासकीय स्कूलों में नियुक्ति पाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। अमर उजाला की ओर से इन शिक्षकों के खिलाफ चलाए गए ‘फर्जी डिग्री, असली नौकरी’ अभियान के बाद सरकार की ओर से प्रकरण की एसआईटी को जांच के आदेश दिए गए थे। अपर पुलिस अधीक्षक एवं एसआईटी प्रभारी लोकजीत सिंह के मुताबिक एसआईटी की ओर से छह हजार शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच पहले ही की जा चुकी है। अब तीन हजार से अधिक शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच जल्द पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि तीन हजार से अधिक इन शिक्षकों के 26 हजार से अधिक प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी।
नियुक्तियों में फर्जीवाड़े की एसआईटी को मिली 468 शिकायतें
अपर पुलिस अधीक्षक एवं एसआईटी प्रभारी लोकजीत सिंह के मुताबिक एसआईटी को अमान्य एवं फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्ति की 468 शिकायतें मिली हैं। शिकायत के आधार पर जांच कर कार्रवाई के लिए शिक्षा महानिदेशक को लिखा जाएगा। शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआईटी को जांच में शिक्षा विभाग का सहयोग नहीं मिल रहा। यही वजह है कि एसआईटी की सिफारिश के बावजूद जहां फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज नहीं हो पा रहे हैं। वहीं इस तरह के प्रकरणों की जांच में भी देरी हो रही है। एसआईटी की सिफारिश के बावजूद जिन शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। उसे दिखवाकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। – बंशीधर तिवारी, शिक्षा महानिदेशक
अशासकीय स्कूल की शिक्षिका की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा
प्रदेश के सरकारी और अशासकीय स्कूलों में अमान्य एवं फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्ति पाकर कई शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। यह स्थिति तब है जबकि सरकार की ओर से इस तरह के शिक्षकों के खिलाफ एसआईटी को जांच दी गई है। नियुक्ति में फर्जीवाड़े का ताजा मामला हरिद्वार जिले के बीडी इंटर कालेज भगवानपुर का है। हरिद्वार जिले के बीडी इंटर कालेज भगवानपुर के पूर्व अध्यक्ष एवं रुहालकी गांव के पूर्व प्रधान महेंद्र सिंह और ग्राम हल्लूमाजरा के पूर्व प्रधान हुकुम सिंह सैनी ने बीडी इंटर कॉलेज भगवानपुर में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति में अनियमितता की शिकायत की थी।
हस्ताक्षर एवं प्रमाणपत्र में प्रयोग की गई मुहर फर्जी
जिला प्रशासन और विभाग को की गई शिकायत के बाद आठ अक्टूबर 2021 को मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार की ओर से तत्कालीन उप शिक्षा अधिकारी भगवानपुर कुंदन सिंह, जीआईसी सिकंदरपुर भैंसवाल भगवानपुर के प्रिंसिपल भीकम सिंह और उप शिक्षा अधिकारी नारसन बृजपाल सिंह राठौर की जांच समिति गठित कर जांच के आदेश दिए गए थे। जांच में पाया गया कि शिक्षिका के अनुभव प्रमाणपत्र पर जिला विद्यालय निरीक्षक सहारनपुर के हस्ताक्षर एवं प्रमाणपत्र में प्रयोग की गई उनकी मुहर फर्जी है। इसके अलावा प्राचार्य व्यापार मंडल कन्या डिग्री कॉलेज मंगलौर हरिद्वार के वाद-विवाद प्रतियोगिता के प्रमाणपत्र पर प्राचार्य के हस्ताक्षर और मुहर भी फर्जी है। जांच के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की जाती है। इसके अलावा नियुक्ति तिथि से वेतन की वसूली की भी सिफारिश की गई है।
दो से तीन शिक्षकों के नाम नहीं बता पाई शिक्षिका
शिक्षिका के अनुभव प्रमाणपत्र की जांच कर रही टीम ने शिक्षिका से यह जानना चाहा कि वह अपने अध्यापन कार्यकाल के दौरान के दो से तीन शिक्षकों के नाम बताए। इस पर शिक्षिका किसी शिक्षका का नाम नहीं बता पाई। इतना ही नहीं वह यह भी नहीं बता पाई कि वह किस-किस कक्षा की अध्यापक रही। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा नियुक्ति में फर्जीवाड़े के प्रकरण में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। –

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments