सरकारी राशन विक्रताओं की बैठक में बायोमैट्रिक से राशन वितरण में आ रही परेशानियों को उठाया गया। राशन विक्रेताओं ने कहा कि 100 प्रतिशत लोगों को बायोमैट्रिक से राशन बांटना संभव नहीं है। उन्होंने बायोमैट्रिक प्रणाली में सुधार के साथ ही दस सूत्रीय मांग पत्र संयुक्त खाद्य आयुक्त को भेजा है।
मंगलवार को राजा रोड स्थित कार्यालय में हुई उत्तराखंड सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि बायोमैट्रिक प्रणाली से 100 फीसदी लोगों को राशन देना मुश्किल हो रहा है। दूर-दराज में कनेक्टिविटी नहीं है। एक परिवार के दो-दो सदस्यों की दस-दस उंगलियों के फिंगर प्रिंट भी नहीं आ पा रहे हैं। लोगों को राशन के लिए दुकान के कई चक्कर काटने पड़ रहे हैं। बायोमैट्रिक में डाटा का खर्चा भी राशन विक्रताओं को ही उठाना पड़ रहा है। बैठक में राशन विक्रेताओं ने डाटा का खर्चा देने, बायोमैट्रिक प्रणाली में सुधार के बाद ही शतप्रतिशत लागू करने, पीएमजीकेएवाई का किराया और लाभांश का भुगतान करने, ढुलान भाड़े में बढ़ोतरी करने, छीजन को प्रति कुंतल तीन किलो करने, राशन उठान की समय सीमा बढ़ाने करने की मांग की है। इस मौके पर अध्यक्ष जितेंद्र कुमार, कुसुमलता शर्मा, विशन सिंह, रईस अहमद, रामकमार, तारा देवी, एसएस रावत, सीएस कांडपाल, प्रवीन सिंह, शरद कमार, दीपचंद यादव, राजीव कुमार, नीलावती क्षेत्री, बृजेश, आशा देवी, रोशनी रावत, संजीव चौधरी आदि मौजूद रहे।
डीलर बोले बायोमैट्रिक से सभी लोगों को राशन बांटना नहीं संभव
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