सेवायोजन विभाग जल्द आउटसोर्सिंग एजेंसी में बदलेगा। इस संबंध में शासन से मांगा गया प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद आउटसोर्स पदों के लिए जिला स्तर पर भर्तियां होंगी। इसमें दूसरे जिलों के युवा आवेदन नहीं कर सकेंगे। अफसरों का कहना है इससे रोजगार के लिए भटक रहे युवाओं को गृह जनपद में नौकरी मिलने के साथ ही अनावश्यक खर्च भी कम होगा। सेवायोजन विभाग को आउटसोर्सिंग एजेंसी बनाने की कवायद 2018 में शुरू हुई थी लेकिन तब से मामला लटका हुआ है। अब कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे जल्द धरातल पर उतारने के आदेश अफसरों को दिए हैं। बीते दिनों बहुगुणा ने अफसरों की बैठक में कहा था कि प्रस्ताव ऐसा हो जिसमें युवाओं को रोजगार के लिए भटकने की आवश्यकता न पड़े। सेवायोजन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कौशल विकास मंत्री के निर्देश पर प्रस्ताव तैयार किया गया है।
ये हैं अहम बिंदु
-जिस जिले में आउटसोर्स कर्मचारियों की जरूरत होगी, उसी जिले में पंजीकृत बेरोजगारों को मिलेगी नौकरी।
-एक पद के लिए कम से कम दस प्रतिभागी लिए जाएंगे, ताकि प्रादर्शिता बनी रहे।
-डीएम को विशेषाधिकार होगा कि वे भर्ती में इंटरव्यू अनिवार्य करा सकते हैं।
अब तक ये थीं दिक्कतें
-उपनल, पीआरडी जैसी आउटसोर्स एजेंसियों में कम भर्तियां निकलने से रोजगार मिलने में परेशानी।
-आउटसोर्स एजेंसियों की जानकारी न होने से कई बार रोजगार के मौके हाथ से निकल जाते हैं।
सेवायोजन विभाग को आउटसोर्सिंग एजेंसी बनाने का नया प्रस्ताव तैयार हो चुका है। नये प्रस्ताव के अनुसार आउटसोर्स पदों पर होने वाली भर्तियां अब केवल जिला स्तर पर की जाएंगी। – वाईएस रावत, सहायक निदेशक सेवायोजन विभाग
आउटसोर्सिंग में नौकरियों के लिए बदले नियम, जानिए बेरोजगार युवकों को अब कैसे मिलेगी नौकरी
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