देहरादून। विख्यात सिद्ध शक्ति पीठ सत्य मंदिर लखनऊ की ओर से सोमवार को मोहित नगर में सत्संग का आयोजन किया गया। इसमें सत्संग के जरिए पशु रक्षा का संदेश दिया गया। साथ ही लोगों को बताया भगवत गीता ऐसा कर्म करने का संदेश देती है जो दूसरों के कष्ट का कारण ना बने। इस दौरान आध्यात्मिक गुरु दिव्य शक्ति मां ने अपने प्रवचन में कहा कि गीता में कर्म के उपदेश का अर्थ यह नहीं कि व्यक्ति हर प्रकार के कर्म करने के लिये स्वतंत्र है। चाहे वे कर्म अन्य व्यक्ति के कष्ट का कारण ही क्यों न बनें। केवल अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए कर्म करने वाला कर्मयोद्धा नहीं बन जाता, न ही उसे ईश्वर का संरक्षण प्राप्त हो जाता है। यदि व्यक्ति किसी को संरक्षण नहीं दे सकता, तो भी अपने उन कर्मों पर अंकुश तो लगा ही सकता है, जो किसी के कष्ट का कारण बनते हैं, चाहे वह पशु हो या मनुष्य। पशु रक्षा पर भी उन्होंने प्रवचन दिए। इस दौरान उत्तराखंड वाणी परिवार की सदस्य बीना श्रीवास्तव, लखनऊ वाणी परिवार से सुधा चौहान, शेषनाथ गोस्वामी, शालिनी पाल और विकास सहित कई लोग मौजूद रहे।