इस बार भारी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने से चारधाम यात्रा के कदम नए रिकॉर्ड की ओर से बढ़ रहे हैं लेकिन चारों धामों में इंतजाम कम पड़ने से मुश्किलें भी कदम-कदम पर खड़ी है। तीर्थयात्रियों की संख्या के अनुसार चारों धामों में व्यवस्थाओं को लेकर चुनौतियां बरकरार है। वर्ष 2019 में चारधाम यात्रा में 34 लाख तीर्थयात्रियों के आने से रिकॉर्ड बना था। कोरोना महामारी के कारण बीते दो साल चारधाम यात्रा का संचालन आंशिक और बंदिशों के साथ हुआ था। चारधाम यात्रा प्रभावित होने से प्रदेश के अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले पर्यटन उद्योग को भारी आर्थिक झटका लगा था। इस बार कोरोना संक्रमण की सामान्य स्थिति होने पर चारधाम यात्रा बिना किसी प्रतिबंध के संचालित है।
चारधाम यात्रा से हजारों लोगों की आजीविका भी जुड़ी है। यात्रा में उमड़ रही तीर्थयात्रियों की भीड़ से पर्यटन कारोबार को पहिया भी दौड़ा है, लेकिन यात्रा पर आने वाले यात्रियों को व्यवस्थाओं के अभाव में खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा पर जाने के लिए लोगों को पंजीकरण के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। वहीं, धामों में ठहरने की व्यवस्था नहीं हो रही है। चारधाम यात्रा में तमाम मुश्किलों का सामना करने के बाद भी तीर्थयात्रियों को उत्साह कम नहीं है। तीन मई से लेकर एक जून तक चारधाम के साथ हेमकुंड साहिब में 14.16 लाख से अधिक यात्री दर्शन कर चुके हैं। छह महीने तक चलने वाले चारधाम यात्रा में यात्रियों के आने की रफ्तार इसी तरह तो इस बार नया रिकॉर्ड बनेगा। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि चारधाम यात्रा को लेकर यात्रियों में भारी उत्साह है। इस बार यात्रा में आने वालों की संख्या वर्ष 2019 को पार करने की उम्मीद है। जो चारधाम यात्रा का नया रिकॉर्ड होगा।
रिकॉर्ड की ओर बढ़ रहे कदम मगर इंतजाम पड़ रहे कम, 34 लाख यात्रियों ने किए दर्शन, देखें अब तक की तस्वीरें
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