करोड़ों रुपये के गबन के मामले में पुलिस के हत्थे चढ़े मुस्लिम फंड संचालक अब्दुल रज्जाक के खेल से एक-एक कर पर्दा उठ रहा है। हजारों लोगों की रकम जमा कर उस पर बैंकों से मिलने वाले लाखों रुपये के ब्याज से अपनी संपत्ति तो जोड़ ही रहा था। जबकि काले धन केे सफेद करने का खेल भी किया जाता था। एक हिस्ट्रीशीटर से लेकर कई बड़े कारोबारियों की मोटी रकम भी मुस्लिम फंड में जमा थी। जाहिर है कि ये रकम भी सफेद करने के लिए जमा कराई गई थी। शहर में चल रहे अन्य मुस्लिम फंड संचालकों पर भी लोगों का शक गहराने लगा है। जबकि सोशल मीडिया पर जल्द ही उनके भागने की भी अफवाह भी उड़ रही है।
करीब ढाई दशक से अब्दुल रज्जाक मुस्लिम फंड का संचालन कर रहा था। इस संस्था की शुरुआत करते ही उसके दिन बदलने शुरू हो गए थे। देखते देखते रज्जाक ने मुस्लिम फंड के जरिये अपनी करोड़ों रुपये की संपत्ति जोड़ ली। बताया गया कि मुस्लिम फंड में जाम होने वाली लोगों की रकम को बैंक में जमा कर हर महीने लाखों रुपये का ब्याज लेकर उससे जमीनों की खरीद-फरोख्त का धंधा अपने साथियों के साथ करता था। शुक्रवार को पुलिस ने मामले का खुलासा किया तो सभी चौंक गए।
मोटी रकम जमा करने वाले भी पुलिस के रडार पर
मुस्लिम फंड संचालक करोड़ों रुपये के काले धन को संस्था में जमा कर सफेद करने का खेल भी करता था। इसी फेर में वह फंस गया और साढ़े पांच करोड़ की रकम ठगों को दे डाली। सूत्र बताते हैं कि शहर के एक हिस्ट्रीशीटर से लेकर कई बड़े कारोबारियों से लेकर कई कांग्रेसी नेताओं की मोटी रकम मुस्लिम फंड में जमा थी। लेकिन रज्जाक के भागने के बाद कोई सामने नहीं आया। इससे उनके पोल खुल सकती थी और काले धन को सफेद करवाने के राज से भी पर्दा उठ सकता था। बहरहाल, अब पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया। लेकिन जांच अभी चल रही है। मोटी रकम जमा करने वाले भी पुलिस के रडार पर हैं। जिनसे पूछताछ की जा सकती है। कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी का कहना है कि जांच चल रही है। जरूरत पड़ने पर सभी से पूछताछ की जाएगी। मोटी रकम जमा करने वाले लोगों की जानकारी जुटाई जाएगी।