युवक की हत्या के आरोपी और उसके सहयोगी को एडीजे प्रथम सुबीर कुमार की अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों आरोपियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साक्ष्य छिपाने के आरोप में भी आरोपियों को पांच-पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है। कुंडा थाने का ग्राम भरतपुर निवासी युवक 11 जून 2014 को लापता हो गया था। बताया गया कि गांव के ही ऋषिपाल सिंह और ग्राम मालधनचौड़ (रामनगर) निवासी रामप्रसाद नौकरी दिलाने के बहाने उसे अपने साथ ले गए थे। गांव लौटने पर ऋषिपाल ने युवक के परिजनों को बताया कि युवक बरेली में नौकरी कर रहा है। काफी समय तक युवक का कोई पता नहीं लगा तो गायब युवक के भाई ने ऋषिपाल और उसके साथी रामप्रसाद पर अपने भाई को गायब करने का शक जताया।
भरतपुर निवासी गायब युवक के भाई ने कुंडा थाने में युवक की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। करीब एक साल बाद पुलिस ने दोनों संदिग्धों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की तो उन्होंने गायब युवक की हत्या का जुर्म कबूल लिया। पुलिस ने मृतक के भाई की तहरीर पर ऋषिपाल और रामप्रसाद के खिलाफ 26 जून 2015 को कुंडा थाने में केस दर्ज किया। पुलिस ने 28 जून 2015 को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में मुख्य आरोपी ऋषिपाल ने बताया कि करनपुर के विद्यालय में पढ़ने के दौरान वह युवक की पत्नी से मिलने लगा लेकिन युवक उनके रिश्ते में आड़े आ रहा था। इसलिए ऋषिपाल ने अपने सहयोगी रामप्रसाद के साथ 11 जून को ग्राम गुजरगढ़ी, थाना भिकियासैंण (अल्मोड़ा) ले जाकर उसकी पत्थरों से कुचलकर हत्या कर लाश खाई में फेंक दी।
दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत
हल्का पटवारी ने लावारिस मानकर मृतक के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। बाद में मृतक के भाई और मां ने अल्मोड़ा जाकर कपड़ों और फोटो से शव की शिनाख्त की। इस केस की विवेचना कुंडा थाने के एसआई कुंदन सिंह अधिकारी ने की। सर्विलांस पर आरोपियों के मोबाइल की लोकेशन भी उन दिनों भिकियासैंण में मिली। पुलिस ने 26 अगस्त 2015 को दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया। इस वाद का परीक्षण प्रथम एडीजे सुबीर कुमार की अदालत में हुआ। अभियोजन पक्ष की ओर से 14 गवाह पेश किए गए। सभी ने अभियोजन पक्ष के कथानक का समर्थन किया। संबंधित पक्षों को सुनने और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए अदालत ने हत्या की धारा में दोनों को उम्रकैद और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर आरोपियों को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। साक्ष्य छिपाने के आरोप में उन्हें पांच-पांच वर्ष के कारावास और पांच-पांच हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना अदा न करने पर आरोपियों को छह-छह माह का कारावास भोगना होगा।
एक साल बाद कबूला प्रेमिका के पति की हत्या का जुर्म, आरोपी समेत दो को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
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