मौसम का मिजाज बदलने से दो दिन कुछ राहत रही, लेकिन अब फिर चटख धूप के बीच मैदानी क्षेत्रों में लोग गर्मी से बेहाल हैं, हालांकि सुबह-शाम हल्की ठंड से राहत है। वहीं ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच94 किमी 121 रमोलगांव के भूस्खलन के कारण शुक्रवार सुबह बंद पड़ा हाईवे 26 घंटे बाद खुल पाया है। मौसम विभाग मुताबिक, पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं आंशिक बादल छाये रह सकते हैं। जबकि, मैदानों में मौसम शुष्क रहने के साथ तापमान में उछाल आने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं आंशिक बादल छाये रह सकते हैं। हालांकि, देहरादून समेत तमाम मैदानी क्षेत्रों में आसमान साफ रहेगा। साथ ही तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस बढ़ोतरी हो सकती है।
गंगोत्री हाईवे 26 घंटे बाद खुला, मिली राहत
ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच94 किमी 121 रमोलगांव के भूस्खलन के कारण शुक्रवार सुबह से बंद था, जिसे 26 घंटे बाद शनिवार को खोल दिया गया। राजमार्ग बंद होने के चलते बस व ट्रक काफी संख्या सड़क पर फंसे थे। शनिवार सुबह जैसे ही आवागमन सुचारु हुआ क्षेत्रवासियों ने राहत महसूस किया। ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बीती शुक्रवार को भूस्खलन होने से सुबह चार बजे हाईवे बंद हो गया था। इस दौरान राजमार्ग के दोनों ओर वाहन फंसे रहे। हाईवे बंद होने से सुबह को क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नहीं होने से लोग परेशान रहे। बड़ी मशक्कत के बाद शनिवार सुबह छह बजे हाईवे पर आवागमन सुचारु हो पाया। यहां पर अभी भी हाईवे जोखिम भरा बना है।
आलवेदर रोड निर्माणदायी संस्था बीआरओ, कंपनी एबीसीआइ, स्वर्ण जयंती कंपनी के आपसी तालमेल नहीं होने का खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है। बीती शुक्रवार शाम को भूस्खलन की गति कम होने पर भी मलबा हटाने का काम तेजी से नहीं हो पाया। सुबह छह बजे हाईवे पर आवागमन शुरू होने से यात्रियों व स्थानीय लोगों ने राहत महसूस किया। इससे पूर्व में दो-तीन बार इसी जगह पर हाईवे भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो चुका है। तहसीलदार किशन सिंह महंत ने बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर किसी तरह दोनों ओर जेसीबी मशीन लगाकर आवागमन को सुचारू करवाया।
फिर से तापमान चढ़ने से मैदानी क्षेत्रों में लोग बेहाल, 26 घंटे बाद खुला गंगोत्री हाईवे
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