Saturday, December 27, 2025
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अंकिता भंडारी हत्याकांड: देहरादून में कांग्रेस का कैंडल मार्च, सड़कों पर उतरा आक्रोश; सीबीआई जांच की उठी मांग

देहरादून।
अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस का आक्रोश एक बार फिर सड़कों पर देखने को मिला। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में सोमवार को देहरादून में जोरदार प्रदर्शन किया गया और कैंडल मार्च निकालकर मृतका को श्रद्धांजलि दी गई। कैंडल मार्च में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।

कैंडल मार्च के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने शुरुआत से ही साक्ष्य मिटाने, आरोपियों को बचाने और पीड़ित परिवार को मानसिक रूप से तोड़ने का प्रयास किया है। गोदियाल ने कहा कि अंकिता की हत्या केवल एक अपराध नहीं, बल्कि भाजपा की सत्ता-संरक्षित व्यवस्था द्वारा की गई न्याय की सुनियोजित हत्या है।

उन्होंने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि एक बेटी की जान जाने के बाद भी राज्य सरकार दोषियों को बचाने में जुटी रही। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने साफ शब्दों में कहा कि जब तक मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई से नहीं कराई जाती, तब तक पीड़ित परिवार को न्याय मिलना संभव नहीं है। कांग्रेस पार्टी तब तक चैन से नहीं बैठेगी, जब तक अंकिता को पूरा न्याय नहीं मिल जाता।

गणेश गोदियाल ने भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम तथा भाजपा विधायक रेणु बिष्ट की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इन दोनों नेताओं को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं, लेकिन आज तक उनकी निष्पक्ष जांच तक नहीं कराई गई। उन्होंने सवाल किया कि जब भाजपा के अपने लोग ही ‘वीआईपी संरक्षण’ की बात सार्वजनिक रूप से कर रहे हैं, तो फिर भाजपा सरकार सीबीआई जांच से क्यों डर रही है?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दो टूक कहा कि दोषी चाहे कितना भी ताकतवर क्यों न हो, उसे कानून के कठघरे में खड़ा किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर अदालत तक अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ेगी।

कांग्रेस की प्रमुख मांगें

  • भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम और भाजपा विधायक रेणु बिष्ट की तत्काल गिरफ्तारी।

  • पूरे हत्याकांड की जांच सर्वोच्च न्यायालय के सिटिंग न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई से कराई जाए।

  • जांच प्रक्रिया को किसी भी वीआईपी, राजनीतिक दबाव या सत्ता संरक्षण से पूरी तरह मुक्त रखा जाए।

कांग्रेस ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि जल्द मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।

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