आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा और कांग्रेस के वोटरों और सपोर्टरों से उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगा।
उत्तराखंड के खातिर एक मौका देने की अपील
उन्होंने कहा कि वह भाजपा-कांग्रेस छोड़कर किसी से आप पार्टी में शामिल होने नहीं बल्कि उत्तराखंड के खातिर एक मौका देने की अपील कर रहे हैं। आप पार्टी को एक मौका मिला तो फिर पांच साल बाद भाजपा और कांग्रेस कहीं नहीं दिखेगी। पत्रकारों से बातचीत में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा ने 11 और कांग्रेस ने 10 साल बारी-बारी से उत्तराखंड में राज किया है। उनके वोटरों और सपोर्टरों को क्या मिला। जनता को इन सालों से क्या मिला। दोनों ही पार्टियों ने वोटरों और सपोर्टरों के परिवारों के लिए कुछ नहीं किया। बच्चों की शिक्षा से लेकर नौकरी के लिए कोई काम नहीं किया। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं किया। ऐसे में भाजपा-कांग्रेेस को वोट देने से क्या फायदा। केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के लिए एक मौका मांगा। कहा कि चुनाव आते रहेंगे। लेकिन इस बार आप पार्टी को एक मौका मिलेगा तो वह उत्तराखंड का नवनिर्माण कर भाजपा-कांग्रेस के वोटरों और सपोर्टरों की सोच बदल देंगे। केजरीवाल ने कहा कि आप पार्टी उत्तराखंड में नई जरूर है। लेकिन पार्टी के पास नए चेहरे हैं। नई सोच है। नया सीएम चेहरा है। नए आइडिया और एजेंडा है। दिल्ली में पार्टी ने बदलाव करके दिखाया है। उत्तराखंड में भी गांव-गांव तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुचाएंगे। अस्पताल खोलेंग। रोजगार देंगे।
इससे कांग्रेस और भाजपा के वोटरों और सपोर्टरों को भी फायदा होगा। उनके परिवार को मुफ्त इलाज और बच्चों को शिक्षा मिलेगी। 24 घंटे बिजली मिलेगी। नौकरी नहीं लगने तक भत्ता देंगे। कहा कि भाजपा ने तो पांच साल में तीन
मुख्यमंत्री बदल दिए। कहा कि दोनों दलों ने मिलकर 21 साल में उत्तराखंड में 72 हजार करोड़ का कर्जा चढ़ा दिया। आप पार्टी पांच साल में पिछला कर्जा खत्म कर देंगे और आधुनिक सुविधाएं भी देगी। सेवानिवृत्त कर्नल अजय कोठियाल ने गैरसैंण स्थायी राजनीति के मुद्दे पर कहा कि उनके पास पूरा प्लान है। गैरसैंण कुमाऊं और गढ़वाल के बीच में है। स्थायी राजधानी के लिए उस क्षेत्र की मैपिंग की जाएगी। कौन से विभाग जाएंगे, इसका खाका तैयार किया जाएगा। गैरसैंण को मॉडल राजधानी बनाएंगे।
अरविंद केजरीवाल ने फिर फूंका बिगुल, कहा- एक मौका दो, फिर नहीं दिखेगी भाजपा-कांग्रेस
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