श्रीरामजन्मभूमि मंदिर परिसर में ही माता जानकी का मंदिर भी स्थापित करने की तैयारी है। इसके साथ ही परिसर में ही महर्षि वाल्मीकि, गणेश, माता शबरी, निषादराज व जटायु के भी मंदिर बनाने की योजना है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दो दिवसीय बैठक में इस पर सहमति बनी है। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने राम मंदिर निर्माण के प्रगति की समीक्षा भी की। इस मौके पर मंदिर निर्माण के टाइम प्लान व रिटेनिंग वॉल व परकोटा निर्माण पर भी मंथन किया गया।
राममंदिर निर्माण समिति व ट्रस्ट की बैठक दूसरे दिन सर्किट हाउस में दो सत्रों में हुई। बैठक में मंदिर निर्माण के कार्यों की गति बढ़ाने पर विचार हुआ है। टाइम प्लान के तहत कार्य आगे बढ़े इसको लेकर चर्चा हुई। अगस्त माह से राममंदिर का गर्भगृह आकार लेने लगेगा इसकी पूरी संभावना है।इसके साथ ही भक्तों के लिए सुविधाएं विकसित करने व सुरक्षा को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक के बाद श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि ट्रस्ट की बैठक में कई अहम बिंदुओं पर मंथन किया गया। इसमें तय हुआ कि रामजन्मभूमि परिसर में राममंदिर के साथ-साथ माता जानकी का भी मंदिर स्थापित किया जाए।इसके अलावा महर्षि वाल्मीकि, भगवान गणेश, निषादराज, माता शबरी व जटायु का भी मंदिर बनाने की योजना है। चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण की प्रगति संतोषजनक है। 30 % काम पूरा हो चुका है।
बाल रूप में ही विराजेंगे रामलला
महासचिव चंपत राय ने कहा कि 70 साल से जिन मूर्तियों के प्रति भक्त आस्था प्रकट करते आ रहे हैं उन्हें ही स्थापित किया जाएगा। एक मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति होती है जो अचल होती है। जो चल प्रतिमा होती है उन्हें उत्सव मूर्ति भी कह सकते हैं। पूूजा-उपासना में उनको गर्भगृह से बाहर निकाल सकते हैं। ऐसे में मंदिर में बाल रूप में ही राम विराजेंगे व सफेद, काला मुक्तिनाथ, ग्रे कलर के शालिग्राम स्थापित किए जाएंगे।
राममंदिर ट्रस्ट की बैठक में हुआ निर्णय, मंदिर निर्माण के टाइम प्लान पर भी चर्चा
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