शासन की ओर से आयुर्वेद विभाग में सभी चिकित्साधिकारियों और कर्मचारियों का संबद्धता (अटैचमेंट) समाप्त करने के बाद कई डॉक्टर आयुर्वेद विश्वविद्यालय से जाने को तैयार नहीं है। अब शासन के निर्देश पर आयुर्वेद विभाग ने विश्वविद्यालय में संबद्धता पर कार्यरत आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगा दी है।
मूल तैनानी स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने पर ही वेतन का भुगतान किया जाएगा। 30 मई को आयुर्वेद विभाग ने सभी कर्मचारियों का संबद्धता समाप्त किया था। साथ ही संबद्धता पर कार्यरत कर्मचारियों को मूल तैनाती स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए थे। लेकिन उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में संबद्धता पर कार्यरत 26 चिकित्साधिकारियों व कर्मचारियों ने शासन के आदेश के बावजूद कार्यमुक्त नहीं किया गया है।
27 जून को अपर सचिव आयुष राजेंद्र सिंह ने विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिख कर संबद्धता पर कार्यरत कार्मिकों को तत्काल कार्यमुक्त करने के निर्देश दिए थे। शासन के आदेशों पर कार्यवाही न होने पर विभाग ने संबद्धता पर कार्यरत चिकित्साधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। इस संबंध में आयुर्वेद निदेशक अरुण कुमार त्रिपाठी ने आदेश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया कि मूल तैनाती स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने के बाद भी वेतन का भुगतान किया जाएगा।