Thursday, December 11, 2025
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बहराइच हिंसा: रामगोपाल हत्याकांड में सरफराज को फांसी, नौ दोषियों को उम्रकैद—14 महीने बाद मिला न्याय

बहराइच हिंसा: रामगोपाल हत्याकांड में सरफराज को फांसी, नौ दोषियों को उम्रकैद—14 महीने बाद मिला न्याय

यूपी के बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा और रामगोपाल हत्याकांड में अदालत ने गुरुवार को अपना अहम फैसला सुना दिया। कोर्ट ने मुख्य आरोपी सरफराज उर्फ रिंकू को फांसी की सजा सुनाई, जबकि अन्य नौ दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। सभी दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

यह फैसला उस घटना के 14 महीने बाद आया है, जिसने पूरे जिले को दशहरे के दिन हिंसा की आग में झोंक दिया था।


कड़ी सुरक्षा के बीच सुनाया गया फैसला

बृहस्पतिवार दोपहर बाद सभी दोषियों को कोर्ट में पेश किया गया। कचहरी परिसर में सुबह से ही गहमागहमी रही। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, वकील और मृतक पक्ष के परिवारजन कोर्ट की हर कार्रवाई पर नजर बनाए हुए थे।
बुधवार को आए निर्णय में कोर्ट ने आरोपी अब्दुल हमीद, उसके बेटे फहीम, सरफराज उर्फ रिंकू, तालिब उर्फ सबलू समेत 10 लोगों को दोषी करार दिया था।


क्या था पूरा मामला?

13 अक्तूबर 2024 को महसी क्षेत्र में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान अचानक तनाव बढ़ गया। विवाद के बीच रामगोपाल की हत्या कर दी गई।
घटना इतनी संवेदनशील थी कि पूरा जिला तनाव की चपेट में आ गया। हालात संभालने के लिए पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात करना पड़ा।
डीएम और एसपी लगातार मोर्चे पर डटी रहीं, लेकिन स्थिति नियंत्रण में नहीं आ सकी। बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए यूपी एटीएस चीफ अमिताभ यश को तैनात किया। उनके नेतृत्व में हालात धीरे-धीरे सामान्य हुए और जांच तेज हुई।


परिजनों के लिए आज भी ताजा है दर्द

रामगोपाल की मां मुन्नी देवी आज भी 13 अक्तूबर की घटना का जिक्र आते ही टूट जाती हैं। बेटे के बिछड़ने का दर्द अब भी ताजा है।
पत्नी रोली मिश्रा की आंखें 14 महीनों से न्याय की प्रतीक्षा करते-करते थक चुकी थीं।
पिता कैलाश नाथ मिश्र की तबीयत घटना के बाद से ही बिगड़ती चली गई और फिलहाल वे मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। बड़े बेटे हरमिलन मिश्र अपने परिवार के लिए मजबूत सहारा बने हुए हैं।


पुलिस अधिकारियों पर भी हुई कार्रवाई

अपर पुलिस अधीक्षक डीपी तिवारी के अनुसार, घटना के दूसरे दिन ही हरदी एसओ सुरेश कुमार वर्मा और महसी चौकी इंचार्ज शिव कुमार सरोज को निलंबित कर दिया गया था।
कुछ दिन बाद सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही के आरोप में सीओ रुपेंद्र गौड़ पर भी कार्रवाई की गई।
मामले की विभागीय जांच अब अंतिम चरण में है और जल्द ही निर्णय लिए जाने की संभावना है।

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