नैनीताल। हाईकोर्ट ने शराब कारोबार के लाइसेंस में गड़बड़ी करने के मुख्य आरोपी नवनीत अग्रवाल की जमानत याचिका खारिज कर दी है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। बीते वर्ष गौलापार हल्द्वानी निवासी बलकार सिंह ने आरोप लगाया था कि नवनीत ने उनकी फर्जी आईडी लगाकर शराब की कई दुकानें अपने नाम पर आवंटित करा ली हैं। इससे उनको भारी नुकसान हो रहा है। बलकार सिंह ने उनके नाम से फर्जी तरीके से शराब की दुकान लेने और उनके फर्जी हस्ताक्षरों से हाईकोर्ट में याचिकाएं लगाने की शिकायत थाना हल्द्वानी में की थी।
मामला पिथौरागढ़ से जुड़ा होने के कारण हल्द्वानी थाने ने जीरो एफआईआर दर्ज कर कोतवाली पिथौरागढ़ को भेज दी थी। कोतवाली पिथौरागढ़ में धारा 420 में दर्ज प्राथमिकी में सतीश कॉलोनी कालाढूंगी रोड हल्द्वानी निवासी नवनीत अग्रवाल आरोपी है। जांच के बाद थाना कोतवाली पिथौरागढ़ की ओर से इसमें धारा 467, 468 और 471 और बढ़ा दी गई। आरोपी ने मामले को चंपावत स्थानांतरित करवा लिया और चंपावत पुलिस ने 10 महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। 23 मई 2022 को चंपावत जिला एवं सत्र न्यायाधीश कहकशा खान ने जांच में सहयोग नहीं करने को आधार मानते हुए आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय ने भी 14 सितंबर को अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
फर्जी शराब लाइसेंस मामले में कारोबारी की जमानत याचिका खारिज
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