भारत-चीन के बीच वर्ष 1962 में हुए रण के योद्धा महावीर चक्र विजेता शहीद जसवंत सिंह रावत के साथी रहे नायक बलवंत सिंह बिष्ट का निधन हो गया। 86 साल की उम्र में उन्होंने शनिवार को अंतिम सांस ली। वह पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। मूल रूप से चमोली जिले के दूरस्थ गांव घेस निवासी बलवंत सिंह अपने बड़े बेटे वरिष्ठ पत्रकार अर्जुन सिंह बिष्ट के साथ देहरादून के लोअर नत्थनपुर स्थित श्री सिद्ध विहार कॉलोनी में रह रहे थे। उनके छोटे बेटे लक्ष्मण सिंह बिष्ट चौथी गढ़वाल राइफल्स में सूबेदार मेजर हैं। भारत-चीन युद्ध के बाद वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले नायक बलवंत सिंह अपने पीछे दो बेटों और एक बेटी का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। पारिवारिक सदस्यों से मिली जानकारी के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार रविवार को हरिद्वार में किया जाएगा।
छह महीने तक रहे युद्धबंदी, 65 और 71 में पाकिस्तान से भी लड़े
नायक बलवंत सिंह बिष्ट वर्ष 1959 में चौथी गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे। तीन साल बाद ही चीन से युद्ध लड़ना पड़ा। राइफल मैन बाबा जसवंत सिंह और नायक बलवंत सिंह एक ही सेक्शन में थे। लिहाजा युद्ध के मोर्चे पर भी साथ-साथ तैनात रहे। युद्ध में जसवंत सिंह शहीद हो गए और नायक बलवंत सिंह को छह महीने तक युद्ध बंदी बनना पड़ा था। वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भाग लेने के बाद वह वर्ष 1969 में रिजर्व सेवानिवृत्त हो गए। लेकिन, वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध होने पर उन्हें फिर सेना में बुलाया गया। सेवानिवृत्त होने के बाद वह दो बार घेस-हिमनी गांव के प्रधान भी रहे। उन्होंने गांव में जूनियर हाईस्कूल और चार बेड का आयुर्वेद अस्पताल खोलने के लिए भरसक प्रयास किया। प्रधान पद से त्यागपत्र देने के बाद वर्ष 1979 में फिर डीएसी में भर्ती हो गए और 15 साल की सेवा के बाद वर्ष 1993 में सेवानिवृत्त हुए।
मुख्यमंत्री ने आवास पहुंचकर दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आवास पहुंचकर नायक बलवंत सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। साथ ही ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतृप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की। कहा, युद्ध में चीन और पाकिस्तानी सेना के दांत खट्टे करने वाले नायक बलवंत सिंह के साहस व वीरता को वह नमन करते हैं। उनकी बहादुरी को कभी भुलाया नहीं जाएगा। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण महरा, विधायक भूपाल राम टम्टा, उमेश शर्मा काऊ, सूचना महानिदेशक बंशीधर भगत आदि ने उनके आकस्मिक निधन पर दुख जताया।
भारत-चीन 1962 के रण के योद्धा महावीर चक्र विजेता शहीद जसवंत सिंह के साथी नायक बलवंत सिंह का निधन
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