रुद्रपुर। रोजाना बढ़ रहे साइबर अपराध के मामलों में नया साइबर अपराध सामने आ रहा है। कुछ लोग घरों में आकर 10 रुपये की कीमत में एलईडी बल्ब बेच रहे हैं। वह घर के लोगों से फिंगरप्रिंट और आधार कार्ड का विवरण ले रहे हैं। इसके बाद उनके खाते से सीधे रुपये उड़ रहे हैं। साइबर पुलिस ने ऐसे लोगों से सतर्क रहने और अनजान लोगों को फिंगरप्रिंट व आधार कार्ड का विवरण देने से मना किया है। पुलिस के लिए सिरदर्द बनने वाले साइबर ठग रोजाना ठगी के नए-नए तरीकों का इजाद कर लोगों को आसानी से झांसे में ले रहे हैं। इसके बाद इन लोगों की जिंदगी भर की कमाई पल भर में उड़ा रहे हैं। पुलिस भी साइबर ठगों पर बहुत अधिक शिकंजा नहीं कस पा रही है। नेशनल क्राइम इंटेलीजेंस एजेंसी ने अलर्ट कर कहा है कि कुछ लोग घर-घर जा कर एलईडी बल्बों का 10-10 रुपये में बेच रहे हैं। साथ ही वह आधार कार्ड का विवरण और फिंगर प्रिंट भी ले रहे हैं। इसके बाद वह लोगों के बैंक खातों से रकम उड़ा दे रहे हैं। साइबर पुलिस ने ऐसे लोगों से सावधान रहने को कहा है।
सिलिकॉन से बन रहे हैं फर्जी फिंगरप्रिंट
रुद्रपुर। फिंगरप्रिंट से होने वाली साइबर ठगी में ठगों ने एक कृत्रिम फिंगरप्रिंट बनाने का तरीका भी ढूंढ निकाला है। जहां एक बार फिंगरप्रिंट लेने के बाद उसकी छाप स्थायी हो जाती है। फिंगरप्रिंट को रीड करने वाली मशीनों में ठग सिलिकॉन की एक परत चढ़ा देते हैं और उस पर हल्का तरल पदार्थ डालते हैं। इसके बाद जो व्यक्ति उस मशीन में अंगुली रखता है, उसका फिंगरप्रिंट स्थायी हो जाता है। बाद में ठग परत को निकाल लेते हैं और लोगों के बैंक खातों को खाली करने में उसका इस्तेमाल करते हैं।
कारण के साथ दे आधार कार्ड की छायाप्रति
रुद्रपुर। अक्सर देखने में आता है कि लोग आधार कार्ड की छायाप्रति को इधर-उधर फेंक देते हैं। इसके अलावा वह कहीं भी किसी को आधार कार्ड की छायाप्रति सौंप देते हैं। हालांकि यह खतरनाक साबित हो सकता है और वह साइबर ठगी का शिकार भी हो सकते हैं। साइबर पुलिस ने बताया कि किसी को भी आधार कार्ड की छायाप्रति देने से पहले उस कागज में उसे देने का कारण जरूर लिख दें। इससे आधार कार्ड के माध्यम से होने वाली ठगी में अंकुश लग सकेगा। इन दिनों फिंगरप्रिंट के नाम पर कई तरह के साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि कुमाऊं क्षेत्र में अभी एलईडी बल्ब बेचने के नाम पर होने वाली ठगी के मामले सामने नहीं आए हैं लेकिन लोगों को इससे जागरूक रहना जरूरी है। किसी भी संवेदनशील स्थिति में होने पर लोग साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 में कॉल कर सकते हैं। – सुमित पांडे, सीओ साइबर कुमाऊं परिक्षेत्र।
सस्ते बल्ब के चक्कर में खाली हो सकता है बैंक खाता
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