वैदिक साधन आश्रम तपोवन नालापानी का पांच दिवसीय ग्रीष्मोत्सव सोल्लास संपन्न हो गया। योग साधना एवं ऋग्वेद पारायण यज्ञ स्वामी चित्तेश्वरानंद सरस्वती व साध्वी प्रज्ञा के ब्रह्मत्व में संपन्न हुए ग्राीष्मोत्सव में वेद पाठ गुरुकुल पोंधा के ब्रह्मचारियों ने किया। मुख्य अतिथि डा. रूपकिशोर शास्त्री कुलपति, गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार ने कहा कि महर्षि दयानंद युग प्रवर्तक थे। उनके उपकारों को समाज सदैव याद रखेगा। आज आर्य समाज के सिद्धांतों को घर घर पहुचाने का संकल्प लेना है। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि अपनी संतानों को धर्म व संस्कृति के साथ जोड़े तभी वह वंश परंपरा आगे बढ़ेगी। अध्यक्षता विजय कुमार आर्य ने की, मंत्री प्रेम प्रकाश शर्मा ने आभार व्यक्त किया। केंद्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने गायत्री मंत्र एवं ईश्वर भक्ति गीत से शुभारंभ किया। स्वामी योगेश्वरानंद ने प्राकृतिक जीवन शैली से जीने पर बल दिया। उन्होंने मिट्टी के हवन कुंडों में हवन करने और प्लास्टिक के बर्तनों में ना खाने पर बल दिया। भजनोपदेशक कुलदीप आर्य, पंडित रूहेल सिंह गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। आगरा से आए उमेश कुलश्रेष्ठ ने कहा कि ऋषि दयानंद सर्वांगीण विकास की बात करते थे। उन्होंने वेदों की ओर लौटने का उपदेश दिया। जिसका भारत में कहीं कोई विरोध नहीं है। पद्मश्री डा. बीकेएस संजय, वैदिक विद्वान डा. आचार्य वागीश ने कहा कि जातिवाद से देश टूटता है इसलिए इससे दूर रहो। गोविंद सिंह भंडारी, द्रोणस्थली आर्ष कन्या गुरुकुल की आचार्या डा. अन्नपूर्णा, ब्रहमचारी विश्व पाल जयंत, आचार्य आशीष, इन्दुबालासिंह, हातिम सिंह, विजय आर्य ने भी विचार व्यक्त किए। कवि वीरेंद्र कुमार राजपूत की काव्यार्थ पुस्तक का विमोचन हुआ। इस अवसर पर योगराज अरोड़ा, विनेश आहुजा, अशोक वर्मा, ओम सपरा, दशरथ भारद्वाज, अनीता कुमार, मृदुला अग्रवाल, डा. सुमन, शैलेश मुनि, डा.आनन्द सुमन सिंह, कांता कंबोज, मानपाल सिंह आदि उपस्थित रहे।